लखनऊ: लविवि में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन  

डे नाईट न्यूज़ समाज कार्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विद्यालय संकुल और प्रशिक्षित व्यावसायिक समाज कार्यकर्ता की भूमिका विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण रहे। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो.संजय भट्ट और उद्घाटन वक्ता प्रो. राम प्रकाश द्विवेदी ने अपनी बात रखी। प्रो.अरविंद अवस्थी, अधिष्ठाता कला संकाय और कार्यवाहक कुलपति लविवि ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा दीपक जलाकर की गई इसके बाद विश्वविद्यालय का कुलगीत गाया गया। प्रो.अनूप कुमार भारतीय, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग लविवि  ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

उन्होंने बताया कि समाज कार्य विभाग का अपना एक नाम और पहचान है। मुख्य अतिथि के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि बहुत ही सहृदय और डाउन टू अर्थ व्यक्ति है। उन्होंने बताया की मंत्री बेहद ही सामान्य ढंग से आम आदमी की तरह लोगों के बीच आते। उन्होंने नई शिक्षा नीति-2020 में समाज कार्यकतार्ओं की भूमिका के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि लविवि देश का प्रथम विश्वविद्यालय है जिसने इस शिक्षा नीति को अपने यहां लागू किया। मुख्यमंत्री से उन्होंने निवेदन किया की उत्तर प्रदेश में एक राज्य स्तर पर समाज कार्य की परिषद बनाई जाए जिससे समाज कार्य की शिक्षा और अभ्यास को सुव्यवस्थित किया जा सके।

इसके बाद सभी अतिथियों ने सार संक्षेप पुस्तिका का विमोचन किया। प्रो.आरपी द्विवेदी,अध्यक्ष नापसवी, नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा कि बस भारत में समाज कार्य शिक्षा के चार प्रमुख संस्थान टाटा समाज विज्ञान संस्थान, मुंबई, समाज कार्य विभाग, आगरा विश्वविद्यालय समाज कार्य विभाग,लविवि और समाज कार्य विभाग, काशी विद्यापीठ के आचार्य इस सम्मेलन के लिए आये हुए है ये बहुत अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मुक्ति प्रदान करना है।

उन्होंने बताया कि 1986 उसके बाद लगभग 28 साल बाद नई शिक्षा नीति बनाई गई है। उनका मानना है कि यह शैक्षणिक को विशेष परिदृश्य के हिसाब से बनाया गया है और वैश्विक स्तर के ज्ञान को लेते हुए स्थानीय स्तर पर उसके इस्तेमाल पर यह शिक्षा ने जोर देती है। इस अवसर पर प्रो.अरविंद अवस्थी, कला संकाय और कार्यवाहक कुलपति लविवि ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अगर एकेडेमिक्स और पॉलिटिक्स मिलकर काम करें तो देश का कायापलट हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को ज्ञान का केंद्र बनाने में नई शिक्षा नीति 2020 एक मील का पत्थर हो सकती है।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का बहुत जोर शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने पर है। उन्होंने कहा कि समाज कार्य का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। प्रो. गुरुनाम सिंह, आचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष,लविवि ने सभी आए हुए अतिथियों, प्रतिभागियों, मीडिया से जुड़े लोगों और इस सम्मेलन को सफल बनाने में लगे लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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