साइबर क्राइम थाना लखनऊ के प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव से डे नाईट न्यूज़ टीम के संपादक ने मुलकात की और साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष चर्चा हुई।

आज कार्यालय साइबर क्राइम पुलिसथाना कमिश्नरेट, विभूतिखण्ड गौमतीनगर लखनऊ के प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव से डे नाईट न्यूज़ टीम के संपादक ने मुलकात की और साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं अपनी हिंदी, अंग्रेजी मासिक पत्रिका के माध्यम से समाज में लोगो को अधिक से अधिक जागरूक करने पर चर्चा की गयी। प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव ने बताया की आज सोशल मीडिया के इस परिवेश में जहाँ हर व्यक्ति अपना अधिकतम समय मोबाइल में डिजिटल करेंसी जैसे G-Pay, Phone-Pay,Paytm आदि डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके सभी लेनदेन करता है। ऐसे में साइबर अपराधों से बचाव का मात्र एक ही रास्ता है ,वो है सिर्फ जागरूकता, आप जितना अधिक साइबर अपराधों के बारे में जानेंगे उतना ही अधिक खुद को और अपने आस-पास के लोगों को सतर्क और जानकर रखेंगे। साइबर अपराधी हर बार नयी नयी तकनिकी से पढ़े लिखे लोगों को अपना टारगेट बनाते हैं।

साइबर अपराधी पीड़ित को वर्चुअल माध्यम से काल करके अपने आपको पुलिस / CBI अधिकारी बताते हैं तथा किसी पुराने बहुचर्चित मनी लान्ड्रिग केस में संदिग्ध बताकर फर्जी अरेस्ट वारंट जारी कर डिजिटल हाउस अरेस्ट के नाम पर डराते धमकाते हैं तथा पीड़ित के खाते में जमा धनराशि कोRBI द्वारा जाँच के नाम पर फर्जी खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं ।

और तो और गूगल की एड पालिसी के तहत उसमें अपना मोबाइल नम्बर कस्टमर केयर के रूप में डालकर विज्ञापन चलाते है जब भी कोई व्यक्ति गूगल में कस्टमर केयर नम्बर सर्च करता है तो सबसे पहले अपराधियों का मोबाइल नम्बर दिखता है जिसको पीडित सही कस्टमर केयर नम्बर मानकर उसपर काल करतें हैं एवं साइबर अपराधी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीडितों का बैंक अकाउन्ट खाली कर देते हैं।

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