“जीवन के स्वर” का विमोचन समारोह सम्पन्न हुआ

श्री शिव शंकर द्विवेदी,संयुक्त सचिव से.नि. उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रचित एवं प्रकाशित कविता संग्रह “जीवन के स्वर” का विमोचन श्री सदानन्द पाण्डेय, प्रोफेसर,जर्नलिज्म एवं मासकम्यूनिकेशन विभाग, प्रबन्धकीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान सम्बद्ध गुरु गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली एवं एक्जीक्यूटिव एडिटर, हिन्दी दैनिक समाचार पत्र वीर अर्जुन, नई दिल्ली द्वारा किया गया।
इस अवसर पर लगभग दो दर्जन स्तरीय कृतियों के रचयिता तथा अनेक उच्च कोटि की संस्थाओं के सम्मानों एवं पुरस्कारों से सम्मानित डाक्टर प्रमोद कुमार अग्रवाल, आई.ए.एस.,पूर्व अपर मुख्य सचिव,पश्चिम बंगाल सरकार तथा श्री विश्व बिहारी मेहरोत्रा, पूर्व विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का आरम्भ मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के उपरान्त महान् कवि एवं स्वर सम्राट श्री घननान्द पाण्डेय द्वारा की गई वाणी वन्दना से हुआ।
जीवन को केन्द्र में रखकर सृजित कविता संग्रह “जीवन के स्वर” में 51 कविताओं को स्थान देते हुए दिवंगता मां श्रीमती राजकिशोरी द्विवेदी एवं दिवंगत पिता श्री शिवनाथ द्विवेदी की स्मृति में प्रकाशित इस कृति को श्री द्विवेदी ने पौत्री अन्विका द्विवेदी के जन्मदिन पर पुत्र इं.विश्वेश द्विवेदी एवं पुत्रवधू श्रीमती अलका द्विवेदी को सस्नेह समर्पित किया है। प्रोफेसर पाण्डेय ने इसे अपने से छोटों के प्रति सम्मान की अनुकरणीय शुरुआत बताया है। इस अवसर पर डाक्टर प्रमोद कुमार अग्रवाल जी ने कृति को उन लोगों के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया है जिन्हें जीवन से प्यार है। श्री विश्व बिहारी मेहरोत्रा जी ने सभी कविताओं को यशोमय जीवन जीने वालों के लिए उपयोगी बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस कृति का पाठक गण स्वागत करेंगे।
उल्लेखनीय है कि “जीवन के स्वर” को प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ ने अपनी मंगलाशा से सुशोभित किया है तो प्रोफेसर जयशंकर मिश्र, आई.ए.एस.(अ.प्रा.) एवं सम्प्रति कुलाधिपति सुशांत विश्वविद्यालय गुरुग्राम हरियाणा ने प्राक् पुरोवाक् लिखकर गौरवान्वित किया है साथ ही प्रोफेसर जनार्दन उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष हिन्दी विभाग, साकेत विश्वविद्यालय अयोध्या ने पुरोवाक् लिखकर अपना आशीर्वाद दिया है।
समारोह में उपस्थित सभी महानुभावों का इं.विश्वेश द्विवेदी ने आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त किया कि भविष्य में भी सभी सम्माननीय महानुभावों का सान्निध्य प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
कुसुम लता द्विवेदी,
महा प्रबन्धक,
अ-मोक्ष साधना केंद्र राजनिकेतन वृन्दावन योजना लखनऊ।

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