
देश के सबसे बड़े एयरलाइन नेटवर्क IndiGo में परिचालन संबंधी भारी अव्यवस्था के चलते आज यात्रियों की परेशानी चरम पर पहुंच गई। हम आपको बता दें कि एयरलाइन ने दिल्ली एयरपोर्ट से सभी प्रस्थान करने वाली घरेलू उड़ानें आज मध्यरात्रि तक रद्द करने की घोषणा कर दी है, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित हुईं। दिल्ली में 220 से अधिक उड़ानों जिनमें आगमन और प्रस्थान दोनों हैं, उनको रद्द किया गया, जबकि बेंगलूरु में 100 से अधिक और हैदराबाद में 90 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गयी हैं। एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारें, यात्रियों का रोष और लगातार बदलती उड़ान स्थिति ने हालात को और बिगाड़ दिया है। बेंगलूरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सैकड़ों यात्री अपने खोए सामान की खोज में इधर-उधर भटकते नज़र आए।
इसी अफरातफरी के बीच सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग भी फंस गए, जिनकी देवघर जाने वाली उड़ान अचानक रद्द कर दी गई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे दसियों हजार यात्रियों में शामिल हैं जो IndiGo की इस समस्या के कारण फंसे हुए हैं। उन्होंने अपने एक कर्मचारी के विवाह समारोह में शामिल न हो पाने पर खेद जताया। इस बीच, यात्रियों की नाराजगी लगातार बढ़ रही है।
दूसरी ओर, एयरलाइन ने अपने बयान में कहा है कि पिछले दो दिनों में उसका नेटवर्क काफी बाधित हुआ है और यात्रियों को हुई कठिनाइयों के लिए वह खेद व्यक्त करती है। IndiGo ने DGCA को सूचित किया है कि वह 8 दिसंबर से उड़ानों में कटौती करेगी और पूरी तरह स्थिर संचालन 10 फरवरी 2026 तक ही बहाल हो सकेगा। एयरलाइन ने स्वीकार किया कि FDTL (Flight Duty Time Limit) के दूसरे चरण को लागू करने में ग़लत आकलन और योजना की कमी की वजह से यह संकट पैदा हुआ।
इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई और IndiGo को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि वह तुरंत संचालन स्थिर करे और किराए को नियंत्रण में रखे। मंत्री ने कहा कि एयरलाइन के पास नए FDTL मानदंडों के लिए तैयारी करने हेतु पर्याप्त समय था, लेकिन वह सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने में विफल रही।
इधर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस संकट को “सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत” बताया। उन्होंने कहा कि देश को हर क्षेत्र में पारदर्शी प्रतिस्पर्धा चाहिए, न कि “मैच फिक्सिंग जैसी एकाधिकार प्रवृत्तियां”, जिसका खामियाज़ा हमेशा आम यात्रियों को भुगतना पड़ता है। वहीं अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है जिसके जवाब में सत्ता पक्ष के सांसदों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
वैसे नेता चाहे जो कहें, देश के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यातायात बुरी तरह बाधित है और स्थिति के जल्द सामान्य होने की कोई स्पष्ट समय-सीमा नहीं दिख रही है। देखा जाये तो IndiGo जैसी विशाल एयरलाइन का इस तरह एक ही झटके में ढह जाना केवल परिचालन ग़लतियों की कहानी नहीं है, बल्कि उस व्यापक नियामकीय और कॉर्पोरेट संस्कृति की झलक भी है, जिसमें योजना से अधिक विस्तार को महत्व दिया जाता है। FDTL के नए मानदंडों का उद्देश्य पायलटों की थकान कम करना और उड्डयन सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। दूसरा पहलू यात्रियों के अधिकारों का है। भोजन, होटल व्यवस्था, सटीक सूचना, ये सब वैधानिक और नैतिक ज़िम्मेदारियां हैं।





































































































































































































































































































































































































































































