
यमन के हूती विद्रोहियों ने 22 सितंबर को इजरायल पर हमला करके सभी को चौंका दिया था। इस हमले में हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था जो मल्टीपलवॉरहेड के साथ इजरायल पर बरसी। तस्वीरों में साफ नजर आया कि कैसे मिसाइलें अलग अलग हिस्सों में बंटकर हमला कर रही थी। इस दौरान इजरायल के कोने कोने में सायरन की तेज आवाजें सुनाई दे रही थी। नागरिक आनन फानन में शेल्टरों में भागते नजर आए। इस हमले में 2 लोग मारे गए औऱ 48 लोग घायल हुए। यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोही गाजा में फिलस्तीनियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए नियमित रूप से इजराइल पर ड्रोन और मिसाइलें दागते रहते हैं।हूती के हमले के बाद इजराइल ने जवाबी हमला किया। यमन के हूती-नियंत्रित उत्तरी हिस्से के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मृतकों में चार बच्चे, दो महिलाएं और तीन वृद्ध शामिल हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि घायलों में 59 बच्चे, 35 महिलाएं और 80 वृद्ध शामिल हैं। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसने इजरायली सेना की नींद उड़ा दी है। खबर है कि यमन के हूती विद्रोही अब केवल छुपकर हमले नहीं कर रहे हैं बल्कि छुपकर हथियारों की फैक्ट्री खड़ी कर रहे हैं। लंबी रेंज की मिसाइलें और खतरनाक ड्रोन्स भी तैयार कर चुके हैं। हालिया हमलों ने इजरायल की चिंता बढ़ा दी है।
इजरायल ने कुछ दिन पहले ऑपरेशन मूविंग पैकेज के तहत सना पर जबरदस्त स्ट्राइक की। इसमें 65 से ज्यादा बम गिराए गए और हूती कमांड सेंटर व हथियारों के गोदाम ध्वस्त किए गए। ये हमला हूतियों के हमलों के जवाब में किया गया था।
इजराइली सेना ने कहा कि उसने यमन में हमले किए हैं, जिसमें दर्जनों विमानों ने हूती सैन्य कमान मुख्यालयों, सैन्य शिविरों और सुरक्षा एवं खुफिया सुविधाओं को निशाना बनाया। हूती प्रवक्ता उमर अल-बेखेती ने कहा कि इजराइली हमलों ने आवासीय इलाकों और बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया। उन्होंने दावा किया कि हूती विद्रोहियों की रक्षा प्रणालियों ने काफी हद तक हमले को विफल कर दिया।इजरायली खुफिया एजेंसियों को ये भी अंदेशा है हूती भी हमास की तरह बड़े पैमाने पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं। जैसा की 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुआ था। इस योजना को तूफान अल अक्सा या जेरुशलम फल्ड कहा जा रहा है जिसमें हूती स्थानीय मिलेशिया को भर्ती कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर घुसपैठ की ट्रेनिंग दे रहे हैं। जानकार मानते हैं कि हूती की ताकत न केवल यमन और सऊदी अरब के लिए चुनौती है बल्कि पूरे क्षेत्रिए समीकरण के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है। हूतियों की लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलें, मल्टीपल वॉरहेड और ड्रोन हमले उनकी सैन्य क्षमका का प्रमाण है। इसके पीछे ईरान जैसे बाहरी सहयोगियों का समर्थन भी है। अब इजरायल ने खतरे को देखते हुए यमन पर खुफिया जानकारी जुटाने वाले एक नए टास्क फोर्स का गठन किया है। उनकी कोशिश है कि हूती के हथियार बनाने वाले कारखाने और कमांड सेंटर्स का नक्शा तैयार कर समय रहते खत्म किया जाए।