भारत और ब्रिटेन ने रक्षा और व्यापार साझेदारी को मज़बूत किया। प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने व्यापक आर्थिक व्यापार समझौते (सीईटीए) को आगे बढ़ाने वाले समझौतों और भारत को मिसाइलों की आपूर्ति के लिए ब्रिटेन के साथ 35 करोड़ पाउंड के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। स्टारमर, लगभग 100 उद्यमियों, सांस्कृतिक प्रतिनिधियों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ, जुलाई में हस्ताक्षरित भारत-ब्रिटिश सीईटीए से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुँचे।

भारत और ब्रिटेन ने कई पहल की शुरुआत की जिसमें भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल (एलएमएम) प्रणालियों की आपूर्ति पर सरकार स्तर पर 46.8 करोड़ डॉलर समझौता भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टार्मर के बीच विस्तृत वार्ता के बाद द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने के नए उपायों की घोषणा की गई। मीडिया को दिए अपने बयान में मोदी ने दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा और सुरक्षा से लेकर शिक्षा और नवाचार तक, भारत और ब्रिटेन अपने संबंधों में नए आयाम गढ़ रहे हैं।’’ ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एलएमएम पर 46.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर (350 मिलियन पाउंड) के अनुबंध में उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट में थेल्स द्वारा निर्मित वायु रक्षा मिसाइलों और लांचरों की भारतीय सेना को आपूर्ति की परिकल्पना की गई है।

मोदी-स्टार्मर वार्ता पर एक संयुक्त बयान में भारतीय सेना को हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति की योजना के अलावा भारत के नौसैनिक मंचों के लिए समुद्री विद्युत प्रणोदन प्रणालियों को संयुक्त रूप से विकसित करने की खातिर अंतर-सरकारी समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सैद्धांतिक कदम की भी बात कही गई। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रशिक्षकों को रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) के साथ जोड़ने के लिए एक अलग पहल की घोषणा की गई।

बयान में कहा गया है, प्रशिक्षण पर सहयोग के संदर्भ में दोनों नेताओं ने एक व्यवस्था पर प्रगति का स्वागत किया, जिसके तहत भारतीय वायु सेना के उड़ान प्रशिक्षकों को यूके रॉयल एयर फोर्स प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा। साथ ही एक समझौता भी किया जाएगा जो हमारे मजबूत प्रशिक्षण और शिक्षा संबंधों को सुगम बनाएगा। बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल (एलएमएम) प्रणालियों की प्रारंभिक आपूर्ति पर सरकार से सरकार के बीच समझौते की घोषणा की।इसमें कहा गया, इससे भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को और अधिक सहयोग मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप भारतीय रक्षा मंत्रालय की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा और दोनों देशों के बीच जटिल हथियारों पर दीर्घकालिक सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। अन्य मुद्दों पर मोदी और स्टार्मर ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और विश्व स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों, आतंकी संगठनों और उनके प्रायोजकों के खिलाफ निर्णायक और ठोस कार्रवाई करने के लिए सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

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