आज ही के दिन यानी की 11 सिंतबर को अमेरिका ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला झेला था। दरअसल, अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने चार यात्री विमानों का अपहरण कर लिया था। जिनमें से दो विमान यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 और अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 का न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की उत्तरी और दक्षिणी टॉवर से टकराव करवा दिया था। यह घटना 11 सितंबर 2001 को हुई थी। यह हमला अमेरिका के इतिहास का काला दिन कहलाता है। इस आतंकी हमले में हजारों लोगों की मौत हो गई थी।
9/11 का आतंकी हमला
बता दें कि 11 सितंबर 2001 की सुबह न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से पहला विमान टकराया। इसके कुछ ही मिनटों के बाद दूसरा विमान साउथ टॉवर से टकराया था। वहीं तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी के पास पेंटागन से और चौथा विमान यूनाइटेड फ्लाइट 93, जिसको आतंकियों ने अगवा किया था, वह पेंसिल्वेनिया में एक खेत में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस आतंकी हमले में करीब 3,000 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 6,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। वहीं इस हमले में न्यूयॉर्क के ट्विन टावर्स भी कुछ ही घंटों के अंदर पूरी तरह से ढह गए थे।
क्यों मनाया जाता है यह दिन
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य उन निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देना है, जिनकी इस हमले में जान गईं। वहीं यह दिन आतंकवाद के खिलाफ मानवता के साहस और एकजुटता को दर्शाने का काम करता है। यह पुलिस, फायर फाइटर्स और आपातकालीन सेवाओं के उन नायकों को सम्मानित करने का दिन है, जिन्होंने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।
वैश्विक प्रभाव
9/11 के हमलों ने दुनिया की सुरक्षा, राजनीति और समाज पर भी गहरा असर डाला। इस घटना के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की। वहीं दुनियाभर के हवाई अड्डों पर सुरक्षा अधिक सख्त कर दी गई। यात्रियों के जांच के नियम पहले से कहीं ज्यादा कड़े हो गए और आतंकवाद से निपटने के लिए खास कानून बनाए गए।