वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में हनहतम मठ में बुद्ध धम्म पर जीवंत प्रदर्शनी का उद्घाटन

संयुक्त राष्ट्र दिवस वेसाक (यूएनडीवी-2025) के उपलक्ष्य में आज हो ची मिन्ह सिटी स्थित वियतनाम बौद्ध अकादमी में बुद्ध धम्म पर एक जीवंत प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस प्रदर्शनी में बौद्ध परंपराओं के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है। वियतनाम की संस्कृति से जुड़ी इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पूर्ण उत्साह और परंपरा से किया गया। इस दौरान एकता के उत्कृष्ट भाव के साथ हृदय को आनंदित करने वाले शानदार प्रदर्शनों का भी आयोजन किया गया। यह शानदार उत्सव भारत, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, फिलीपींस और अन्य देशों से संघ के सदस्यों की भागीदारी की साझा विरासत और आध्यात्मिक सद्भाव का साक्षी बना। यूएनडीवी 2025 प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान वरिष्ठ संघ सदस्यों ने बुद्ध स्नान समारोह में भाग लिया।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) भारत से वियतनाम तक बुद्ध धम्म और इसकी सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रसार पर तीन प्रदर्शनियों का आयोजन भी करेगा। इसमें जातक कथाओं का एक इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शन होने के साथ-साथ बुद्ध के विभिन्न रूपों को दर्शाती मूर्तियां और भारत एवं वियतनाम की बौद्ध कलाकृतियों का तुलनात्मक अध्ययन भी शामिल है। यह विश्लेषण इस समृद्ध सांस्कृतिक आदान-प्रदान की समझ को और गहन बनाने के लिए विभिन्न संसाधनों पर आधारित है, जिसमें शिलालेख, ऐतिहासिक ग्रंथ और दृश्य कलाकृतियां शामिल हैं। इस बहुआयामी दृष्टिकोण का उद्देश्य वियतनाम में बुद्ध धम्म के विकास की एक व्यापक कथा प्रदान करना है, जो इसके पूरे इतिहास में कला, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक पहचान पर इसके गहन प्रभाव को दर्शाता है। इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण अजंता गुफा भित्ति चित्रों का डिजिटल प्रदर्शन है, जिसमें प्राचीन जातक कथाओं को दर्शाया गया है।

नासिक के प्रसाद पवार फाउंडेशन के सहयोग से आईबीसी 8 पैनल का अनावरण करेगा और अलग-अलग टीवी स्क्रीन पर प्रसिद्ध बोधिसत्व पद्मपाणि की डिजिटल रूप में परिवर्तित प्रक्रिया को प्रदर्शित करेगा। यह 5वीं शताब्दी के उत्तरार्ध का एक भित्ति चित्र है। यह भित्ति चित्र महाराष्ट्र की अजंता गुफाओं में शामिल गुफा-1 में है और यह भारत के गुप्त वंश की कलाओं की सुंदरता और शास्त्रीय उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह प्रदर्शनी आगंतुकों को बोधिसत्वों और दिव्य प्राणियों के दर्शन का अनुभव करने के लिए प्राचीन कथाओं को देखने और समझने के लिए आमंत्रित करती है। ये कहानियां हमें याद दिलाती हैं कि करुणा की कोई सीमा नहीं होती, ज्ञान सभी का होता है और शांति का उदय हर जीवित प्राणी की साझा गरिमा से होता है।

पवित्र अवशेषों की 8 मई 2025 तक हो ची मिन्ह शहर के हनहताम मठ में औपचारिक रूप से स्थापित, सम्मानित और पूजा की जाएगी। यह परंपरा 2025 के वेसाक के संयुक्त राष्ट्र दिवस के अनुरूप भी है। इसके बाद 9 से 13 मई 2025 तक बाडेन पर्वत, ताइनिन्ह प्रांत (दक्षिणी वियतनाम का राष्ट्रीय आध्यात्मिक तीर्थ स्थल) में, यहां से पवित्र अवशेषों को 14 से 18 मई 2025 तक क्वांसो मठ, हनोई (वियतनाम बौद्ध संघ का मुख्यालय) में प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा और 18 से 21 मई 2025 तक ताम चुक मठ में रखा जाएगा, यह हा नाम प्रांत में, दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध केंद्र है।

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