समूह की प्रमिला और शांति बनी आत्मनिर्भरता की मिसाल

प्रयागराज  : मुसहर जाति से ताल्लुक रखने वाली प्रमिला ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर कर आत्म निर्भरता की मिसाल कायम की है। हंडिया ब्लॉक के मुंगराव गांव की प्रमिला उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी। उसने बनवासी महिला आजीविका स्वयं सहायता समूह बनाया। प्रमिला बताती हैं कि उनके समूह का गठन 23 सितंबर 2018 को हुआ। इसके बाद 15 हजार रुपये रिवाल्विंग फंड मिला। छह माह बाद एक लाख 10 हजार रुपये सीआइएफ मिला। 10 समूहों की देखरेख के लिए 12 सौ रुपये प्रतिमाह मिलने लगा। इस रकम को जुटाकर उसने एलएलबी की डिग्री हासिल की। समूह से 10 हजार रुपये लेकर उसने फिर गन्ने के जूस की मशीन खरीदी जिसमे उसे 30 हजार रुपये आमदनी हुई। अपने साथ ही उसने इलाके की दूसरी महिलाओं को प्रेरित किया। समूह की महिलाओं को उसने कैंटीन, सामुदायिक शौचालय की देखरेख, मुर्गी पालन जैसे रोजगार से महिलाओं को जोड़ा और आर्थिक रूप से उन्हे सशक्त बनाया। प्रमिला ने बैंक सखी की ट्रेनिंग भी पूरी की और वर्तमान में उसने165 समूहों के बचत खाते और 32 समूहों के सीसीएल खाते खुलवाने में सहयोग किया। सोरांव ब्लॉक के कुरगाव की रहने वाली संजू मौर्य विद्युत सखी लखपति दीदी हैं। शीतला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी संजू आज एक लाख से डेढ़ लाख कमा रही हैं। सैदाबाद के मिस्की गांव की शांति पांडेय ओम सहायता समूह से जुड़ी है। लखपति शांति फिनायल और हैंडवाश की इकाई चलाती हैं। जिससे आधा दर्जन से अधिक महिलाओं को रोजगार मिला है।

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