राजस्थान में विधान परिषद बनाए जाने को संकल्प पत्र में शामिल करे भाजपा : योगेंद्र सिंह तंवर

जयपुर : बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व वाइस चेयरमैन और दि बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट योगेंद्र सिंह तंवर ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को पत्र लिख कर मांग की है कि राजस्थान में विधान परिषद का गठन जल्दी किया जाना चाहिए। इस 25 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र में भी भाजपा इस मुद्दे को प्रमुखता से शामिल करे। एडवोकेट तंवर ने पत्र में कहा है कि अभी भारत के 28 राज्यों में से केवल 5 राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद है। इसलिए यह आवश्यक है कि राजस्थान जैसे बड़े भू भाग वाले प्रदेश में दो सदनीय (उच्च औऱ निम्न) व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। यह संविधानिक अनिवार्यता है और हमारे प्रभावी प्रशासनिक ढांचे के लिए महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने पहले भी विधान परिषद की स्थापना के लिए असफल प्रयास किए हैं। साल 2008 और 2013 में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भिजवाए गए थे। इससे स्पष्ट है कि राज्य विधानसभा में भी दूसरे सदन गंभीरता को पहचाना गया है। राजस्थान में समावेशी प्रतिनिधि संघ की स्थापना से कई लाभ होंगे।
पहला, यह कि वे व्यक्ति जिनमें कृषि, चिकित्सा, कानून, विज्ञान, सामाजिक मुद्दों, पर्यटन, धार्मिक अभ्यास, युवा मामलों, महिला सशक्तिकरण और दलित समुदाय को संबोधित करने की विशेषता हो, उन्हें एक आदर्श मंच उपलब्ध होगा। दूसरा, यह कि इससे सभी सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधित्व कार्यक्षेत्र की प्रस्तावना प्रदान करके समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा।
यह राजस्थान के विकास और प्रगति पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों के बारे में संवाद, संलग्नता और विवाद का गढ़ होगा, जिससे सुनिश्चित होगा कि सभी दृष्टिकोणों को तार्किक रूप से सुना और विचारशीलता से विचारित किया जाता है।

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