संतकबीर नगर: स्कूलों में गहराया पेयजल संकट, बच्चे बेहाल, शिक्षक बेबस

डे नाईट न्यूज़ गर्मी की शुरुआत होते ही ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में पेयजल संकट गहरा गया है। इससे सरकारी स्कूलों में बच्चों को शौचालय स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। पर्याप्त फंड मिलने के बाद भी शिक्षा विभाग व ग्राम विकास विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पीने का पानी मुहैया कराने में नाकाम साबित हो रहा है।

केंद्र व प्रदेश सरकार ग्राम पंचायत में निवास करने वाले लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जहां नमामि गंगे परियोजना संचालित किया जा रहा है जिसके लिए सरकार द्वारा भारी-भरकम धनराशि खर्च की जा रही है जिससे आम जनमानस को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके साथ ही कायाकल्प योजना के तहत बदहाल पड़े परिषदीय विद्यालयों को हाईटेक कर ग्रामीण क्षेत्र में पठन-पाठन करने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का सपना देख रही है।

जिसके लिए बाकायदा ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों ग्राम प्रधान की जवाबदेही तय की गई है लेकिन जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए सिर्फ सरकारी धन के बंदरबांट का खेल खेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के संतकबीरनगर जनपद विकासखंड साथां क्षेत्र के ग्राम पंचायत इमलिया में देखने को मिला जहां कायाकल्प योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर प्राथमिक विद्यालय इमलिया को योजना के तहत कायाकल्प किया जा रहा। विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कायाकल्प कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में लगे इंडिया मार्का हैंड पंप निकलने वाले पानी दूषित है

जिसके लिए बाकायदा ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों ग्राम प्रधान की जवाबदेही तय की गई है लेकिन जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए सिर्फ सरकारी धन के बंदरबांट का खेल खेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के संतकबीरनगर जनपद विकासखंड साथां क्षेत्र के ग्राम पंचायत इमलिया में देखने को मिला जहां कायाकल्प योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर प्राथमिक विद्यालय इमलिया को योजना के तहत कायाकल्प किया जा रहा। विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कायाकल्प कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में लगे इंडिया मार्का हैंड पंप निकलने वाले पानी दूषित है

जिसके लिए बाकायदा ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों ग्राम प्रधान की जवाबदेही तय की गई है लेकिन जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए सिर्फ सरकारी धन के बंदरबांट का खेल खेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के संतकबीरनगर जनपद विकासखंड साथां क्षेत्र के ग्राम पंचायत इमलिया में देखने को मिला जहां कायाकल्प योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर प्राथमिक विद्यालय इमलिया को योजना के तहत कायाकल्प किया जा रहा। विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कायाकल्प कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में लगे इंडिया मार्का हैंड पंप निकलने वाले पानी दूषित है जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी से की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है

जिसके लिए बाकायदा ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों ग्राम प्रधान की जवाबदेही तय की गई है लेकिन जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए सिर्फ सरकारी धन के बंदरबांट का खेल खेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के संतकबीरनगर जनपद विकासखंड साथां क्षेत्र के ग्राम पंचायत इमलिया में देखने को मिला जहां कायाकल्प योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर प्राथमिक विद्यालय इमलिया को योजना के तहत कायाकल्प किया जा रहा। विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कायाकल्प कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में लगे इंडिया मार्का हैंड पंप निकलने वाले पानी दूषित है जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी से की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

हालात यह है कि शिक्षक व बच्चों को प्यास बुझाने के लिए उन्हें बाहर से बोतलों में पानी लाना पड़ता है। मजे की बात तो यह है कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में न तो बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था है और ना ही स्वच्छ पेयजल की जिसके कारण विद्यालय के बच्चे स्वच्छ पेयजल के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है और जिम्मेदार है कि पूरे मामले पर मौन साधे हुए हैं।

जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी से की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है हालात यह है कि शिक्षक व बच्चों को प्यास बुझाने के लिए उन्हें बाहर से बोतलों में पानी लाना पड़ता है तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि दो मासूम बच्चे प्लास्टिक बोतल में पानी लेकर विद्यालय परिसर दाखिल हो रहे हैं मजे की बात तो यह है कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में न तो बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था है और ना ही स्वच्छ पेयजल की जिसके कारण विद्यालय के बच्चे स्वच्छ पेयजल के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैऔर जिम्मेदार है कि पूरे मामले पर मौन साधे हुए हैं।

जिसके लिए बाकायदा ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों ग्राम प्रधान की जवाबदेही तय की गई है लेकिन जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए सिर्फ सरकारी धन के बंदरबांट का खेल खेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के संतकबीरनगर जनपद विकासखंड साथां क्षेत्र के ग्राम पंचायत इमलिया में देखने को मिला जहां कायाकल्प योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर प्राथमिक विद्यालय इमलिया को योजना के तहत कायाकल्प किया जा रहा।

विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कायाकल्प कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में लगे इंडिया मार्का हैंड पंप निकलने वाले पानी दूषित है जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी से की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है हालात यह है कि शिक्षक व बच्चों को प्यास बुझाने के लिए उन्हें बाहर से बोतलों में पानी लाना पड़ता है तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि दो मासूम बच्चे प्लास्टिक बोतल में पानी लेकर विद्यालय परिसर दाखिल हो रहे हैं मजे की बात तो यह है कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में न तो बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था है और ना ही स्वच्छ पेयजल की जिसके कारण विद्यालय के बच्चे स्वच्छ पेयजल के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैऔर जिम्मेदार है कि पूरे मामले पर मौन साधे हुए हैं।

जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी से की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है हालात यह है कि शिक्षक व बच्चों को प्यास बुझाने के लिए उन्हें बाहर से बोतलों में पानी लाना पड़ता है तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि दो मासूम बच्चे प्लास्टिक बोतल में पानी लेकर विद्यालय परिसर दाखिल हो रहे हैं मजे की बात तो यह है कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में न तो बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था है और ना ही स्वच्छ पेयजल की जिसके कारण विद्यालय के बच्चे स्वच्छ पेयजल के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैऔर जिम्मेदार है कि पूरे मामले पर मौन साधे हुए हैं।

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