भोपाल: फिल्म पुष्पा की तरह मप्र के जंगल में चंदन की तस्करी चल रही थी?

डे नाईट न्यूज़ हाल ही में बड़वानी जिले के सेंधवा वन मंडल में बड़ा मामला सामने आया है। यहां करीब पांच साल पहले चंदन का तेज बनाने का लाइसेंस जैव विविधता बौर्ड से लिया गया। तेल बनाने की जानकारी लेने समय-समय पर फॉरेस्ट के अफसर मौके पर जाते रहे लेकिन तस्करी की भनक तक नहीं लगी। दरअसल, चंअलन तेल की तस्करी मामले का खुलासा महाराष्ट्र पुलिस ने किया। कुछ माह पहले महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले की नवापुर थानंातर्गत एक मंदिर के पास स्थित चंदन के पेड़ चोरी होने का प्रकरण दर्ज हुआ।

पुलिस ने आरोपियों की तलाश करते हुए हैदर पठान, इरफान, यूसुफ, गौस खान और अकील खान को गिरफ्तार किया। इनसे खुलासा हुआ कि बड़वानी जिले के सेंधवा वन मंडल क्षेत्र के गवाड़ी स्थित एसबी एरोमेटिक्स में वे चंदन की तस्करी करते हैं। पुलिस ने फारेस्ट को जानकारी दिए बिना फैक्ट्री पर दबिश दी और यहां से एक जनवरी को एक ट्रक से अवैध रूप से संग्रहित १९ लाखरुपए का चंदन का तेल और करीब छह लाख रुपए की चंदन लकड़ी जब्त की। पुलिस ने इसके संचालक अब्दुल रहमान कादिर और दो कर्मचारी सौदागर कालते और उमेश सूर्यवंशी को गिरफ्तार किया। लेकिन, तस्करी में शामिल कुछ आरोपी फरार हो गए।

बताया कि पानसेमल क्षेत्र के मेलन में भी  संचालित इसी तरह की एक फैक्ट्री की जांच की गई। इस फैक्ट्री संचालक को मध्यप्रदेश जैव विविधता बोर्ड ने संचालकों से एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किए। हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस ने सेंधवा डीएफओ को पत्र लिखा है कि चंदन तस्करी मामले में क्या कार्रवाई हुई? पुलिस जल्द ही आरेापियों के खिलाफ कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने जा रही है।

वन महकमा के अनुसार महाराष्ट्र पुलिस को सूचना दी गई है कि जैव विविधता बोर्ड से लाइसेंस निरस्त करने संबंधी पत्र लिखा गया है। गौरतलब है कि भोपाल के चार इमली स्थित एक मंत्री के बंगले से चंदन का पेड़ चोरी हो चुका है। बरकतउल्ला विवि परिसर से भी चंदन के पेड़ चोरी होने के मामले आ चुके हैं।

Back to top button