नई दिल्ली: देश में हाईवे की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे- गडकरी

डे नाईट न्यूज़ केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सर्वाधिक अत्याधुनिक स्काई यूटीएम को लॉन्च किया है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही वास्तविक समय की निगरानी और राजमार्ग निर्माण में तेजी लाने के लिए तैनात किए जाने वाले ड्रोन स्टार्ट-एप्स से भागीदारी आमंत्रित करेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर भी नजर रखेगा। इस अभियान को अंजाम देने के लिए मंत्रालय जल्द ही निविदा जारी की जाएंगी।

गडकरी ने बीती रात यहां स्काई यूटीएम लॉन्च के मौके पर निर्माण, इंफ्रा और राजमार्ग क्षेत्र में नयी तकनीकों को लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय ड्रोन स्टार्ट-अप्स के लिए सॉफ्टवेयर जैसे उद्योग का नेतृत्व करने का समय है। उन्होंने कहा कि स्काई यूटीएम, मानवरहित एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम-स्काई यूटीएम है जो प्रति घंटे ४,००० उड़ानें और प्रतिदिन ९६,००० उड़ानें संभालने में सक्षम है। इस सॉफ्टवेयर में यूटीएम टनल सहित कई नये और इनोवेटिव ऑटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल फीचर्स दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि ड्रोन भविष्य की तकनीक है और यह अपार क्षमता वाला है। ड्रोन गतिविधियों को बेहद कुशल और लागत प्रभावी बनाते हैं। निर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, बुनियादी ढांचा, सर्वेक्षण, रियल एस्टेट और परिवहन से लेकर सभी क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन कंपनियां राजमार्गों और सड़क निर्माण की निगरानी भी करेंगी। अनेक शोध हो रहे हैं, जो निश्चित रूप से इसके उपयोग को बढ़ाने में मदद करेंगे।

स्काईएयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकित कुमार ने इस अवसर पर एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की जरूरतों और इसकी उपयोगिता के बारे में कहा, एटी कंट्रोलर्स के साथ बातचीत करने वाले पायलटों को किसी भी परिस्थिति में प्रतिक्रिया करने में कुछ समय लगता हैै, जिससे पारंपरिक विमानन और ट्रैफिक प्रबंधन में त्रुटि की संभावना बढ़ जाती है। यूटीएम इस संबंध में एक गेम चेंजर है, क्योंकि ड्रोन के साथ डिजिटल रूप से कम्युनिकेशन करने और हवाई क्षेत्र में ट्रैफिक को जोडऩे से कम्युनिकेशन एक सेकंड से भी कम समय में हो जाता है और फुलप्रूफ यानी पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। इसके अलावा, स्काई यूटीएम पूरी तरह से डिजिटल अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है जो आकाश में उडऩे वाले सभी ड्रोनों के साथ सीधे कम्युनिकेशन करता है।

उन्होंने कहा कि देश का अपनी तरह का पहला और एकमात्र ड्रोन एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म, ‘स्काई यूटीएम, एक क्लाउड-बेस्ड एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जो मानवयुक्त एविशन एयरस्पेस के साथ अनमैन्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को जोड़ता है। स्काई यूटीएम को एयरस्पेस में सभी ड्रोन और अन्य एरियल मोबिलिटी ऑपरेटरों को ऑटोनमस नेविगेशन, रिस्क एसेसमेंट, कनेक्टिविटी और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

श्री कुमार ने कहा कि स्काई यूटीएम में स्काई टनल नामक एक नया अनूठा फीचर भी है, जिसे अभी तक दुनिया में किसी और ने पूरा नहीं किया है। स्काई टनल, दो स्थानों के बीच एक एयर कोरिडोर और एक इनविजिबल कनेक्ट स्थापित करती है। इस फ्लाइट प्लान को लागू करने के लिए फिजिकल उपकरणों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई ब्लैंक स्पॉट्स नहीं हैं और टनल पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। ड्रोन और आने वाली फ्लाइंग टैक्सियां,जो एक साल में उपलब्ध होंगी, इसके दायरे में आ जाएंगी।

स्काई यूटीएम ने अब तक ३०० से अधिक सफल बीवीएलओएस ड्रोन फ्लाइट्स को सपोर्ट किया है। प्लेटफ़ॉर्म यूएवी मूवमेंट के २५५ से अधिक पैरामीटर्स को कैप्चर करता है और उन्हें अपने ‘ब्लैकबॉक्स में स्टोर करता है, जो संपूर्ण उड़ान का एक व्यवस्थित विवरण प्रकाशित करता है।

कुमार ने वर्तमान एयर ट्रैफिक के बारे में कहा, २५,३६८ विमानों के एक्टिव कमर्शियल फ्लीट के साथ मॉडर्न एविएशन इंडस्ट्री ७० साल पुराना है जबकि मानवरहित एविएशन इंडस्ट्री लगभग १० वर्षों से अस्तित्व में है और इसमें १० लाख से अधिक एक्टिव यूएवी हैं। इसके अलावा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर की उच्चतम क्षमता प्रति घंटे १२० उड़ानें और प्रतिदिन १२०० उड़ानें हैं।

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