संसद के दोनों सदनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे उन लोगों को विशेष रूप से मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर हैं और इस प्रकार उन्हें आवाज़ और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है।
संसदीय और समिति की चर्चाओं में भाग लेने वाले सभी सांसदों का आभार, जिन्होंने अपने दृष्टिकोण व्यक्त किए और इन कानूनों को मजबूत बनाने में योगदान दिया। संसदीय समिति को अपने बहुमूल्य इनपुट भेजने वाले अनगिनत लोगों का भी विशेष धन्यवाद। एक बार फिर, व्यापक बहस और संवाद के महत्व की पुष्टि हुई है।
दशकों से, वक्फ प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय बन गई थी। इसने विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचाया। संसद द्वारा पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।
अब हम एक ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहाँ ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से, हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक अधिक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री
