फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल हाउस अरेस्ट कर पीड़ित के साथ 30.50 लाख कीधोखाधड़ी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार

लखनऊ से आज की बड़ी खबर

अवगत कराना है कि दिनाँक25.02.2024 को वादी श्री निरंजन सिंह द्वारा सूचना दी गयी किउनके पास एक अज्ञात कॉल आई अज्ञात व्यक्ति ने अपने आपको कस्टम अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके नाम परकंबोडिया से जो पार्सल बुक है उसमें कुछ ज़ाली पासपोर्ट एटीएम कार्डपाया गया है एवं वादी के विरुद्ध नीलॉनड्रिंग का केस हो गया है फिर उस व्यक्ति द्बाराकॉल को एक अन्य व्यक्ति को यह बताकर ट्राँसफऱ किया गया कि CBI एवं NIAके अधिकारी आपसे बात करेंगे फिर उस व्यक्ति ने जोकि अपने आपको CBI अधिकारी बता रहा था उसने वादी को डराया धमकाया व डिजिटलहाउस अरेस्टकर फर्जी अरेस्ट वारंट व मा0 न्यायलय का फर्जी सीजरआर्डर  भेजकर वादी के साथ 30.50 लाख रूपये की ठगी कर ली गयी।जिस पर थानागाजीपुर में अपराध संख्या- 97/2024 धारा 406/420 IPC व 66D आई0टी0 एक्ट पंजीकृत हुआ, जिसके पश्चात उपरोक्त विवेचना साइबरक्राइम लखनऊ को स्थानांतरित कर दी गयी | उक्त अभियोग के अनावरण हेतुश्रीमान् पुलिस आयुक्त लखनऊ, श्रीमान् संयुक्त पुलिस उपायुक्त के निर्देशन में श्रीमान् पुलिस उपायुक्त (पूर्वी), श्रीमान् अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी), श्रीमान् सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्वी) महोदय के कुशलपर्यवेक्षण मेंसाइबरक्राइम थाना लखनऊ पर प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में अभियुक्तो की गिरफ़्तारी एवं घटना के खुलासे हेतु टीम गठित की गयी | 

              प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा उच्च अधिकारीगण के निर्देशन पर सूचना तंत्र सक्रिय कर तकनीकी संसाधनों का प्रयोग कर अभियुक्त को जनपद आगरासे दिनाँक21.05.2024 कोगिरफ्तार कर थाना साइबरक्राइम लखनऊ में दाखिल किया गया।

अपराध करने का तरीकाः

              इस साइबर अपराध पद्धति साइबर अपराधीकोरियर पैकेट में मिले सिम, इंक्स, आधार कार्ड का दुरुपयोग करके, मनीलॉन्ड्रिंग,MDMA, टेररिस्टकन्वर्जन में नागरिकों का मोबाइल नंबर व अन्य पहचान आदि का इस्तेमाल होना बताकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर अपराध करते हैं | साइबर अपराधी खुद को पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई जैसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करते हैं और उन्हें यह विश्वास दिलाने में हेरफेर करते हैं कि उन्होंने कुछ गंभीर अपराध किया है। कुछ मामलों में, पीड़ितों को “डिजिटल रूप से गिरफ्तार” किया जाता है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उन्हें अपराधियों के सामने स्काइप या अन्य वीडियोकॉन्फ्रेंसिंगप्लेटफार्मों पर दिखाई देने के लिए मजबूर कियाजाता है। साइबर जालसाज पीड़ित को यह विश्वास दिलाने में धोखा देते हैं कि उसे ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के तहत रखा गया है और यदि वे घोटालेबाजों को बड़ी रकम का भुगतान नहीं करते हैं तो उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। साइबर अपराधी अक्सर भोले-भाले पीड़ितों को यह विश्वास दिलाकर कि उन्हें ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में डाल दिया गया है और जब तक वे पैसे नहीं चुका देते, वे घर से बाहर नहीं निकल सकते , उन्हें आत्म-गिरफ्तार करने या स्वयं को एकांतवास में रखने के लिए मजबूर करते हैं। इसके बाद ठगों द्वारा पुलिस स्टेशन जैसे सेटअप दिखाकर वीडियोकॉल करके डराया जाता हैं। पूछताछ के नाम पर वेबकैम, स्काइप मोबाइल से वीडियोकॉल पर डरा धमकाकर उनसे मोटी रकम की ठगी की जाती है |

पूछताछ का विवरण-

अभियुक्त राजीव भसीन अपने साथी मोहित चोपड़ा उर्फ़ नानू के साथ मिलकर फर्जी फर्मों के नाम पर करेन्टअकाउन्ट खुलवाकर विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को अकाउन्ट के क्रेडेन्शियलव्हाट्सअप तथा टेलीग्राम पर भेज दिया करता था । धोखाधड़ी की ट्रांजैक्शन इन खातों पर होती थी तथा ट्रांजैक्शन की OTP विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को भेजने के लिये एक “AtOtp Forwarder एप” का इस्तेमाल करते थे । इस एप के माध्यम से OTP विदेश में इन्टरनेट के माध्यम से चला जाता था । विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर द्वारा सम्पूर्ण ट्रांजैक्शन का 1.8 प्रतिशतराजीव भसीन व उसके साथी मोहित चोपड़ा उर्फ़ नानू को USDT के रूप में भेज दिया जाता था | यह लोग अपने साथियों के साथ विदेशी फ्रॉडस्टरों से सीधे जुडे हुए थे। फ्रॉडस्टर इनका हिस्सा इनके बताये हुए खाते में ट्रांसफर करते थे तथा पीडितों से धोखाधड़ी कर अर्जित किये गये पैसे को इनके साथी विदेश भेजते थे। इस घटना में राजीव भसीन व मोहित चोपड़ा द्वारा श्री साईं राम टेंट हाउस नामक फर्जी फर्म बनाकर करेन्टअकाउन्टइंडसइंड बैंक में खुलवाकर वादी मुकदमा के पैसे धोखाधड़ी से हड़पे थे। साइबरक्राइमरिपोर्टिंगपोर्टल पर इस खाते से सम्बन्धित डाटा लिया गया तो ज्ञात हुआ कि इस अकाउन्ट में “देश के कुल 39 घटनाओं के 1.68करोड रुपये का ट्रांजैक्शन” हुआ हैजिसमे उत्तर प्रदेश से 01,आन्ध्र प्रदेश से 06, हरियाणा से 02, महाराष्ट्र से 02, राजस्थान से 03, तेलंगाना से 06, असम से 02, बिहार से 01, गुजरात से 03, केरल से 03, कर्नाटक से 03, मध्य प्रदेश से 02, पश्चिम बंगाल से 01 अपराध पंजीकृत है |दिनांक 21.05.2024 को राजीव भसीन व उसके साथी मोहित चोपड़ा उर्फ़ नानू को धोखाधड़ी के सामान के साथ गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण-

  1. राजीव भसीन उर्फ़ राजू पुत्र स्व0 श्री श्याम भसीन निवासी E-606, अपर्णा प्रेम अपार्टमेंट, शास्त्रीपुरम, थाना सिकन्दरा, जनपद आगरा, उत्तर प्रदेश | उम्र लगभग 38 वर्ष
  2. मोहित चोपड़ा उर्फ़ नानू पुत्र श्री शिव कुमार चोपड़ा निवासी मकान सं0-21, शांताकुञ्ज, थाना कमला नगर, बेलनगंज, जनपद आगरा, उत्तर प्रदेश | उम्र लगभग 36 वर्ष

आपराधिक इतिहास (मोहित चोपड़ा उर्फ़ नानू उपरोक्त):-

  1. मु0अ0सं0-266/2021 धारा 8/20 NDPS एक्ट थाना शाहगंज, कमिश्नरेट आगरा |
  2. मु0अ0सं0-268/2021 धारा ¾ जुआ अधिनियम थाना शाहगंज,कमिश्नरेट आगरा |

गिरफ्तार अभियुक्त से बरामदगी का विवरण-

  • मुकदमा उपरोक्त में प्रयुक्त इंडसइंड बैंक से सम्बन्धित चेक बुक व एटीएम कार्ड |
  • मुकदमा उपरोक्त में प्रयुक्त इंडसइंड बैंक के खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की सिम |
  • इंडसइंड बैंक,पीएनबी बैंक तथा यूनियन बैंक के एटीएम कार्ड तथा उनमेरजिस्टर्ड मोबाइल की सिम |
  • 10 अदद विभिन्न कंपनी केसिम कार्ड |
  • 03 अदद आधार कार्ड, 01 अदद पैन कार्ड, 01 अदद ड्राइविंग लाइसेंस आदि |
  • 03 अदद मोबाइल फ़ोन |

गिरफ्तारी करने वाली टीम –

  1. प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव,साइबरक्राइम थाना लखनऊ ।
  2. उ0नि0 प्रशांत रघुवंशी,साइबरक्राइम थाना लखनऊ ।
  3. का0 विवेक यादव,साइबरक्राइम थाना लखनऊ ।
  4. का0 धनीश यादव,साइबरक्राइम थाना लखनऊ।
  5. का0 रवि चौधरी,साइबरक्राइम थाना लखनऊ ।
  6. का0 संजय कसौधन,साइबरक्राइम थाना लखनऊ।
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