डे नाईट न्यूज़ विवादास्पद बीएसए दीपिका चतुर्वेदी का एक और कारनामा सामने आया है। शहर के नेशलन गल्र्स जूनियर हाईस्कूल में जाली दस्तावेज लगाकर जॉब कर रही पिं्रसिपल पर शासन से निर्देश के बावजूद न उन्होंने सरकारी धन की रिकवरी कराई न ही उसे पद से हटाया। शिकायतकर्ता जब उनसे इस बाबत जानकारी करने पहुंचा तो पहले स्टॉफ से उसकी फजीहत कराया फिर हिटलरशाही दिखाते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा डाला।
शिकायतकर्ता सुरेश प्रताप सिंह का आरोप है कि पिं्रसिपल तसनीम फातिमा ने वर्ष 2015 में नियुक्ति के समय जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये वो सेवा नियमावली के अनुरूप नहीं थे। बावजूद इसके प्रबंधक मोहम्मद शमीम ने सांठ-गांठ कर नियुक्ति कर डाला। पिं्रसिपल को हर महीने मोटा वेतन मिलने लगा। हमने बेसिक शिक्षा निदेशक के यहां पूरे मामले की लिखित शिकायत कर दी। शासन ने डीएम सुलतानपुर को पिं्रसिपल के खिलाफ जांच के आदेश दिये। जिस पर उन्होंने मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच सौंपा। जांच हुई तो लगे आरोप सत्य पाये गये।
इस पर डीएम ने बीएसए को स्कूल प्रबंधक व पिं्सिपल के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये। जिसे बीएसए ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। वही बेसिक शिक्षा निदेशक लखनऊ ने वेतन वसूली और विधिक कार्रवाई के आदेश भी दिये। जिसे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा अमल में नहीं लाया गया। इस बात से नाराज सुरेश बुधवार को बीएसए दीपिका चुतुर्वेदी से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रधानाध्यापिका तसनीम फातिमा पर कार्यवाही से परहेज पर सवाल किया तो वो भड़क गई। इसके बाद दोनों पक्ष कोतवाली नगर पहुंचे। जहां कोतवाल राम आशीष उपाध्याय ने दोनों पक्षों को समझा बुझा कर मामला शांत करवाया।
अंत में बीएसए ने शिकायतकर्ता पर एफआईआर दर्ज करा दिया। कोतवाल राम आशीष उपाध्याय ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है। मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।