कुशीनगर: निपुण भारत मिशन के तहत आयोजित कार्यशाला में अधिकारियों ने शिक्षकों के साथ साझा किया अपना अनुभव 

डे नाईट न्यूज़ जनपद के हाटा विकास खण्ड के सभागार में ऑपरेशन कायाकल्प व निपुण भारत मिशन उन्मुखीकरण के तहत कार्यशाला व प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के 14 विकास खंडों के पीपीटी के माध्यम से निपुण भारत मिशन और कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसी क्रम में बच्चों को निपुण बनाने के संदर्भ में शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किये। शिक्षकों ने बताया कि साक्षरता संख्यात्मक ज्ञान की अभिवृद्धि ही नहीं बल्कि छात्रों के साथ आत्मीय संबंध भी है।

उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यथा खेल, गीत, कविता, नाटक, अभिव्यक्ति कौशल, जिम्मेदारी की भावना विकसित करके छात्रों को निपुण बनाए जाने हेतु जानकारी दी। इसी क्रम में सुलेख, आलेख, गणित, कला द्वारा भी छात्रों को प्रोत्साहन दिए जाने की बात शिक्षकों ने की। विद्यालय में स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर, स्वच्छता, लयात्मक और रागात्मक विधाओं से अध्यापन के संदर्भ में भी अध्यापकों ने बताया।निपुण भारत मिशन का पपेट शो के माध्यम से शिक्षिका मनोरमा त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी रमेश रंजन ने उपस्थित शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि भारत ऋषि-मुनियों का देश रहा है। यहां पर गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का दर्जा दिया गया है।

शिक्षा का सबसे बड़ा आधार शिक्षक होता है। साइंटिस्ट, इंजीनियर के जनक भी शिक्षक ही होते हैं। उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सारा ज्ञान आपके पास है। आप इस ज्ञान को कम समय में गुणवत्ता पूर्ण तरीके से बच्चों तक कैसे पहुंचाते हैं। यह आप पर निर्भर करता है। जिलाधिकारी ने नई-नई गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को निपुण करने व नामांकन प्रतिशत को बढ़ाए जाने हेतु कहा। डीएम ने कहा कि बच्चों को ऐसा ज्ञान दें। जिससे वह जिंदगी भर आपका नाम ले। उन्होंने बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी इस बात के लिए जागरूक करने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों के इमैजिनेशन की गति जितनी तीव्र होगी। उतनी ही तेजी से बच्चे समझेंगे।

इसी क्रम में उन्होंने स्मार्ट क्लासेस तथा नई-नई तकनीकों के माध्यम से तथा मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से शिक्षण गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्राथमिक विद्यालय कई जगह निजी विद्यालयों से भी आगे निकल चुके हैं। विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की कमी दूर हो गई है व उपस्थिति की प्रतिशत भी बढ़ी है। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने शिक्षा दान का भी जिक्र करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षक, इंजीनियर, आईटीआई, ग्रैजुएट के माध्यम से शिक्षा दान से शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी ने निपुण भारत मिशन को एक भवन का नींव बताया। जिससे भवन की मजबूती आती है। उन्होनें कहा कि पढ़ाई लिखाई सिर्फ औपचारिकता नहीं है। शिक्षको के माध्यम से निपुणता तैयार होती है। उन्होंनें कहा कि इसे संख्यात्मक लक्ष्य के रूप में ही न ले बल्कि कार्ययोजना हर बच्चे की क्षमता के अनुसार बनाएं।

उपजिलाधिकारी हाटा वरुण पांडेय ने कहा नीव मजबूत होगी तो बच्चा सुदृढ़ होगा। उप जिलाधिकारी मो0 जफर ने कहा कि इस बेसिक कार्यक्रम का ग्राउंड स्तर पर क्रियान्वयन के प्रयास किए जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी राम जियावन मौर्य ने कहा निपुण भारत का लक्ष्य है। शिक्षा की नींव मजबूत होनी चाहिए। इससे पूर्व जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने विकास खंड परिसर में स्कूली बच्चों द्वारा लगाए गए विविध स्टॉल व आजीविका समूह की महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टॉल का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर शिक्षक, छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।

Back to top button