कौशाम्बी: वाह रे! स्वास्थ्य विभाग प्रसव के बाद कुछ घंटों में ही डिस्चार्ज हो जाती हैं प्रसूताएं

डे नाईट न्यूज़ प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने के लिए शासन ने उन्हें 48 घंटे अस्पताल में भर्ती करने व उनकी देखभाल के लिए निर्देश दिया है। लेकिन प्रसव के बाद कुछ घंटे में ही प्रसूता को घर भेज दिया जा रहा है।ताजा मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नेवादा का है। जहां रविवार सुबह 3:39 बजे से सोमवार सुबह 8:32बजे तक कुल नौ प्रसूताओं का प्रसव कराया गया। लेकिन सोमवार दोपहर  अस्पताल में एक भी प्रसूता मौजूद नहीं मिली। प्रसूताओं के लिए लगाये गये खाली पड़े बेड खुद ही इस बात की गवाही दे रहे हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नेवादा के कागजी रिकार्ड के मुताबिक रविवार सुबह सबसे पहले 3:39 बजे सेंवथा गांव की प्रसूता रीता पत्नी राजेंद्र ने अस्पताल में बेटी को बेटी को जन्म दिया। उसके बाद सुबह 7:06 बजे हासिमपुर किनार गांव की राधा गौतम पत्नी दिनेश कुमार को बेटी पैदा हुई।सुबह 7:38 बजे जवई की यमुना पत्नी पुष्पराज को भी बेटी हुई। सुबह 9:45बजे सेंवथा कुटी की रहने वाली लक्ष्मी पत्नी अजय को बेटा हुआ। इसके बाद रात 9:55 बजे नेवादा की विद्यापति पत्नी राजेश को बेटा हुआ।इसी तरह रविवार और सोमवार के बीच मध्य रात्रि 1:05 बजे अकबराबाद गांव की लालती पत्नी राजेश ने अस्पताल में बेटे को जन्म दिया।एक घंटे बाद ही 2:40 बजे उमरवल गांव की रामू पत्नी संदीप को बेटा हुआ।

सोमवार सुबह ही 8:18 बजे दरियापुर की निशा पत्नी शिवचंद्र को बेटी हुई।सुबह 8:32बजे बरेठी की अंजली पत्नी बृजलाल को भी बेटी पैदा हुई। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के मुताबिक सीएचसी पीएचसी में प्रसव के बाद 48 घंटों तक भर्ती रखकर जच्चा बच्चा की देखभाल करने व मेन्यू के मुताबिक नाश्ता और खाना दिये जाने का प्राविधान है। लेकिन अस्पताल से प्रसव के दो घंटे बाद प्रसूताओं को घर भेज दिया जाता है। आरोप है कि लिखापढ़ी में उन्हें 48 घंटे भर्ती दिखाया जाता है। पिछले 24 घंटों में अस्पताल में जिन प्रसूताओं का प्रसव कराया गया था उनमें से एक भी मौके पर मौजूद नहीं मिली।सभी बेड खाली मिले।

अस्पताल में प्रसव कराने वाली सभी प्रसूताओं को 48 घंटे भर्ती रहने के लिए प्रेरित किया जाता है,प्रसव बाद उन्हें जच्चा बच्चा की सेहत और खतरा के बारे में भी समझाया जाता है। भर्ती के दौरान देखभाल के साथ ही उन्हें सर तरह की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है। लेकिन कुछ प्रसूताएं प्रसव बाद अस्पताल में भर्ती रहने को राजी नहीं होतीं और स्वेच्छा से लिखा-पढ़ी कर देने के बाद डिस्चार्ज हो जाती हैं।

डा.ललित कुमार सिंह

प्रभारी चिकित्साधिकारी

पीएचसी नेवादा।

अस्पताल में नहीं है महिला डाक्टर की तैनाती

पीएचसी नेवादा में किसी भी महिला डाक्टर की तैनाती नहीं है। अस्पताल में प्रसूताओं के प्रसव की जिम्मेदारी एएनएम और स्टाफ नर्स के भरोसे ही है।प्रसव के दौरान प्रसूता की गंभीर स्थिति होने पर या तो सीएचसी सरायअकिल में तैनात महिला डाक्टरों की मदद ली जाती है या फिर सीधा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है।

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