नरैनी ब्लॉक की 35 किशोरियों को मिला प्रशिक्षण

प्रिचय-किशोरियों को जानकारी देतीं शबीना मुमताज।
बांदा महिलाओं को शरीरिक हिंसा के साथ ही मानसिक हिंसा के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। स्कूल के
अलावा घर पर भी बच्चियों व किशोरियों को गुड व बैड टच में फर्क समझाना चाहिए। उन्हें
शारीरिक बदलाव एवं महिला कानून की जानकारी भी दिया जाना जरूरी है। इसलिए समाज में ऐसे प्रशिक्षणों की
जरुरत है। बेटियां ग्राम प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक बन सकती हैं। यह बात वनांगना संस्था की डारेक्टर
पुष्पा शर्मा ने नरैनी में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कही।
कस्बे के एक मैरिज हाल में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन पर श्रीमती शर्मा ने कहा कि शिक्षा के बाद
भी समाज में लड़का-लड़की के साथ भेदभाव हो रहा है। इस भेदभाव खत्म करने के लिए नजरिए
को बदलना होगा। बेटियों ने यह कई बार साबित किया है कि अगर उन्हें मौका मिले तो वह प्रधान से
प्रधानमंत्री बन सकती हैं। वरिष्ठ संदर्भदाता शबीना मुमताज ने बताया कि वनांगना द्वारा चलाए जा रहे ह्यतरंग
मेरे सपने-मेरी उड़ानवण कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण 2 अक्टूबर को आयोजित किया गया था।
इसमें नरैनी ब्लॉक के पुकारी, शंकर बाजार, लहुरेटा, जमवारा, चंद्रनगर, पड़मई, सकरीहा, पटेल नगर, नसेनी
और गोरेपुरवा की 35 किशोरियां शामिल हुईं। इन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से जेंडर, स्वास्थ व महिला
कानून के प्रति जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में दलित व मुस्लिम वर्ग की किशोरियों को
लीडर के रूप मे चयनित कर टंेनिंग में शामिल किया गया है। यही किशोरियां आगे चलकर अपने परिवार, गांव व
समाज के मुद्दों पर कार्य करेंगी। लखनऊ की सहयोग संस्था से आए प्रशिक्षक आराधना सिंह व रजनी सिंह ने
संविधान के मूल्य अधिकारों को बताते हुए समता और समानता विषय विस्तार से चर्चा की। मानसिक हिंसा से
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को बताया। बैड व गुड टच की पहचान बताई। कहा कि बेड टच का अहसास होने
पर घर पर जरूर बात करें। शोभा देवी ने पावर का खेल कराते हुए पितृसत्ता पर किशोरियों के साथ चर्चा की।
किशोरी आतिफा व शाहीन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जैसे लड़कियों पर घर के काम की
जिम्मेदारी होती है वैसे ही लड़कों पर रुपया कमाने का बोझ होता है। अगर हमारे आसपास किसी के साथ
बैड टच 1⁄4बुरा स्पर्श1⁄2 कोई करता है तो हम अपने घर में जरूर बताएंगे। वॉलेंटियर नत्थू पटेल ने भी
अपनी जिम्मेदारी निभाई। कार्यक्रम में लक्ष्मी, सोना, खुशबू, रानी, शिव देवी, रोशनी, तहमीना,
शाहीन, आरती, पूनम समेत 35 किशोरियां शामिल रहीं।

Back to top button