उत्तर प्रदेश डिस्टलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष एस के शुक्ल, जनरल सेक्रेटरी रजनीश अग्रवाल, द्वारा इथेनॉल क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 23.04.2024 को नई दिल्ली में यूपी डिस्टिलर्स एसोसिएशन (यूपीडीए) और यूएस ग्रेन्स काउंसिल (यूएसजीसी) के बीच एक अभूतपूर्व समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक दिन और कार्यक्रम था जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश डिस्टलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष एस के शुक्ल ने की और इस एमओयू की घोषणा अमेरिकी राजदूत एच.ई. एरिक गारसेटी ने किया। इस अवसर पर यूएसजीसी के चेयरमैन ने बताया की यू.एस. ग्रेन्स काउंसिल (यूएसजीसी), अमेरिकी कृषि विभाग के तहत अमेरिका की एक सर्वोच्च संस्था है। यूएसजीसी जौ, मक्का, ज्वार और डिस्टिलर के सूखे अनाज घुलनशील (डीडीजीएस) और इथेनॉल सहित संबंधित उत्पादों के लिए निर्यात बाजार विकसित करता है। 28 स्थानों पर पूर्णकालिक उपस्थिति के साथ, काउंसिल 50 से अधिक देशों और यूरोपीय संघ में कार्यक्रम संचालित करती है और भविष्य के दृष्टिकोण को से देखते हुए उच्च उपज वाले किस्म के बीज विकसित करने के लिए भारतीय कृषि क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र में गहराई से उतरना, पारिस्थितिकी तंत्र में उच्च इथेनॉल मिश्रणों के एकीकरण के लिए नवीनतम अमेरिकी / वैश्विक प्रौद्योगिकियों से नवीन खेती और लॉजिस्टिक प्रथाओं की स्थापना करना, और किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए है। मकई मूल्य इथेनॉल सह-उत्पादों को अधिकतम करना, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाना आदि इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आईजीएल के बिज़नेस हेड और यूपीडीए के अध्यक्ष एस के शुक्ल ने बताया की यूपीडीए भारत के इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वैश्विक इथेनॉल शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने, मक्का विकास के लिए अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करने और जैव ईंधन और अनाज में निवेश और प्रौद्योगिकी प्रवाह के लिए इन्वेस्ट इंडिया के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने जैसी पहलों में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। यह सामूहिक प्रयास उद्योग के विकास, नवाचार और तकनीकी उन्नति के प्रति यूपीडीए की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्होंने बताया की प्रदेश में कुल 30 अनाज आधारित और 100
आसवनियों का सञ्चालन रहा है और प्रकार की आसवनियों द्वारा 350 करोड़ बल्क लीटर के उत्पादन से ब्राण्डेड देशी शराब के 45 बिलियन यूनिट् पैक्स बनाकर 11.87 प्रतिशत ब्लेंडिंग हासिल किया है औरवर्ष 2024-25 में रू 456 बिलियन का उत्पाद शुल्क राजस्व उत्तर प्रदेश सरकार को देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। और बताया की उन्होंने पूर्वांचल को मक्के के उत्पादन हेतु सर्वप्रथम चुना और इनके नेतृत्व में 80 एकड़ मक्के की फसल की बुवाई हुई है और इसके साथ ही इस अंतराष्ट्रीय समित में यूएस की नई तकनीकियों की बारीकियों को समझते हुए उसे भारत में कैसे अपनाया जाए और उत्पादन और रोजगार में वृद्धि हो इस पर भी गहनता से विचार किया, एस के शुक्ल ने कहा की आज भारत वैश्विक स्तर पर प्रत्येक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है क्युकी भारत में सबसे ज्यादा युवा है और युवा ही किसी देश की तकदीर और तस्वीर बदलते है आज डिस्टिलरियों में आईआई टी, आईबीएम, एम एन आईटी के छात्र भी जॉब के लिए आ रहें है आज पुराने दौर की डिस्टिलरियां नही है आज इनमे बहुत बदलाव हो गया है। नई तकनीकियों को अपनाने और नए प्रोजेक्ट लगाने से भी डिस्टलरी उद्योग पीछे नही हट रहा क्युकी उसके पास एसेट मैनेजमेंट है। इसके साथ ही एस के शुक्ल ने कहा की कुछ ही वर्षों में पूरे विश्व में यूपी बायो ईंधन उत्पादन में नंबर वन पर रहेगा। रजनीश अग्रवाल ने सभी अतिथियों के प्रति आभार जताया और एस के शुक्ल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की निसंदेह आप सदैव इंडस्ट्री, इंडस्ट्री सम्बन्धित उद्योगों एवम किसानों के हित तत्पर रहते है। उक्त कार्यक्रम में यूएसजीसी के चेयरमैन, अध्यक्ष और सीईओ, निदेशक दक्षिण एशिया के साथ-साथ यूपीडीए के महासचिव, रेडिको खेतान लिमिटेड के संस्थापक-संरक्षक सदस्य और अन्य राजनयिकों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।