उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने इसको लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं। इस संबंध में हेल्पलाइन नंबर-18001805145 भी जारी कर दिया गया है। हालाकिं यूपी में अभी तक मंकी पॉक्स से जुड़ा एक भी मरीज नहीं है। फिर भी सरकार एहतियात अलर्ट मोड पर है।
इसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश के जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए हैं।
अभी तक प्रदेश में मंकी पॉक्स से जुड़ा एक भी ऐक्टिव मरीज नहीं है। सरकार ऐहतियात अलर्ट मोड पर हैं। वहीं इसको लेकर उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिलों के एंट्री प्वाइंट्स पर मरीजों की स्क्रीनिंग हो। इसके साथ ही मंकी पॉक्स को लेकर स्थानीय स्तर पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। मंकी पॉक्स को लेकर देश भर में एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनैशनल कंसर्न घोषित किया है। संदिग्ध मरीजों का चिन्हीकरण, सैंपल कलेक्शन और इलाज के निर्देश दिए गए हैं। वहीं सभी मरीजों की जांच के लिए सैंपल राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कहीं कोई संदिग्ध मरीज मिले तो आप सीधे इस संबंध में राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर-18001805145 पर कॉल करके सुचना दे सकते हैं ताकि समय रहते उस मरीज का इलाज संभव हो सके। और इस खतरनाक बीमारी को आगे फैलने से रोका भी जासके।
मंकी पॉक्स के कई लक्षण है उसमें शरीर पर दाने, तेज बुखार, अधिक कमजोरी, लकिसा ग्रंथियों में सूजन मंकीपॉक्स के प्रारंभिक लक्षण हैं। यह एक स्व-सीमित रोग है। जिसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक बने रह सकते हैं।
समय पर उचित देखभाल और इलाज जरूरी है। मंकीपॉक्स से ग्रसित मरीज के संपर्क में आने से भी ये रोग हो सकता है।