…आखिर इस परीक्षार्थी के साथ हुई नाइंसाफी का कौन जवाब देगा योगी जी ?

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे जितना बेहतर सुशासन, भ्रष्टाचार मुक्त शासन,हर बेरोजगार को रोजगार देने का दावा कर ले लेकिन जमीनी हकीकत इससे ठीक विपरीत ही दिखाई दे रही है उक्त बाते सोमवार 18 जुलाई को चरितार्थ होती दिखाई दी जब लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित आई टी आई कॉलेज अलीगंज,लखनऊ में आयोजित एडिशनल प्राइवेट सेक्रेटरी परीक्षा में समय से पहुंचे परीक्षार्थी को परीक्षा से ही वंचित कर दिया गया कारण बताया गया कि आप दिशा निर्देशों के खिलाफ आप विलंब है जब कि हकीकत यह थी कि परीक्षा जो कि सुबह 9 से 12:30 बजे निर्धारित थी परीक्षार्थी 8:20 मिनट पर परीक्षा केंद्र पर पहुंच चुका था बावजूद इसके महत्वपूर्ण परीक्षा से केंद्र व्यवस्थापकों ने परीक्षार्थी को परीक्षा से वंचित कर दिया।
नहीं उठा जिलाधिकारी का फोन
जब परीक्षार्थी ने अपनी पीड़ा डे नाइट न्यूज के संवादाता को बताई तो उक्त संदर्भ में लखनऊ के जिलाधिकारी को फोन लगाया लेकिन महोदय का फोन नहीं उठा।कोई रास्ता मिलता नहीं देख इमरजेंसी काल किया गया जिसपर कोई संतोषजनक जवाब मिलता नहीं दिखाई तो परीक्षार्थी द्वारा निराश होकर अपने गंतव्य की तरफ रवाना होना ही मुनासिब समझा।
बेरोजगारों के साथ मजाक कर रही है योगी सरकार
परीक्षार्थी धीरज कुमार सिंह के साथ लगभग सैकड़ो की संख्या में परिक्षार्थी रहे होंगे जो खराब सिस्टम की वजह से परीक्षा से वंचित कर दिए गए।एक तो रोजगार का मुद्दा वैसे भी इस बार लोकसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बना था जिसका खामियाजा बीजेपी सरकार को भुगताना पड़ा जिसका नतीजा रहा कि कहा 4 सौ प्लस का नारा देने वाली बीजेपी को काफी ज्यादा सीटो का नुकसान उठाना पड़ गया।
आखिर कब तक अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएगी अफसरशाही
किसी पीड़ित को न्याय देना हो चाहे आम जन की सुनवाई हो,चाहे जनहित के मुद्दों की बात हो हर जगह अफसरशाही नक्कारा साबित हो रही है।
परीक्षाओ में पेपर लीक होना आम समस्या हो गई है
प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा हो चाहे आरओ, एआरओ परीक्षा हर जगह प्रश्न पत्र लिक होने का मुद्दा बना रहा।आज प्रदेश का हर बेरोजगार यह सरकार से प्रश्न कर रहा कि जब नौकरी दे नहीं सकते तो कमसे कम परीक्षा देने से वंचित तो मत करो।
थक हार कर परीक्षार्थी ने लिखा लोकसेवा आयोग को पत्र
परीक्षार्थी धीरज कुमार सिंह ने परीक्षा को लेकर काफी तैयारी की थी बावजूद इसके नक्कारा सिस्टम ने धीरज को परीक्षा से ही वंचित कर दिया।परीक्षा जिसदिन आयोजित हुई उस दिन लखनऊ की सड़के बरसात से लबालब भरी पड़ी थी ऊपर से मोहर्रम के त्योहार के चलते रूट डाइवर्जन की समस्या अलग थी अंदाजा लगा सकते है कि कितना कठिन रहा होगा एक आम परीक्षार्थी के लिए केंद्र पर पहुंचना।जब परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित हो गया तो थक हार कर लोकसेवा आयोग को अपने साथ हुई इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर पत्र लिखने को विवश हुआ।

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