नागपुर: पारंपरिक प्रारूप की प्रतिद्वंद्विता में आस्ट्रेलिया के लिये भारत के पास स्पिन का ब्रहमास्त्र

डे नाईट न्यूज़ सीमित ओवरों में अपने फन का लोहा मनवा चुके रोहित शर्मा टेस्ट कप्तान के रूप में अपने कैरियर की सबसे बड़ी परीक्षा से गुजरेंगे जब बृहस्पतिवार से भारतीय टीम का सामना बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिये आस्ट्रेलिया से होगा जो यहां बदला चुकता करने के इरादे से आई है लेकिन सामना भारतीय फिरकी के ब्रहमास्त्र से होगा।

क्रिकेट के मैदान पर किवदंती बन चुकी इस श्रृंखला में कई कैरियर बनेंगे तो कई सितारे जमींदोज भी होंगे। इसमें नाकाम रहने पर कइयों के कैरियर पर विराम भी लग सकता है। क्रिकेट के मैदान की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विताओं में शुमार इस श्रृंखला पर क्रिकेटप्रेमियों, आलोचकों और मीडिया की पैनी नजरें रहेंगी।

क्या रोहित शर्मा आस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को पूल शॉट खेलने की अपनी ललक पर काबू रख सकेंगे। एश्टोन एगर या नाथन लियोन के सामने विराट कोहली कैसे शॉट खेलेंगे। क्या सूर्यकुमार यादव को कोच राहुल द्रविड़ शुभमन गिल पर तरजीह देंगे।

अक्षर पटेल ज्यादा उपयोगी साबित होंगे या कुलदीप यादव। इन सभी सवालों के जवाब इस श्रृंखला में मिलेंगे।
अपनी सरजमीं पर पिछली दोनों बार (2018 . 19 और 2020 . 21) में श्रृंखला गंवाने का दर्द कमिंस और उनकी टीम को है और वे इस बार बदला लेने के इरादे से ही आये हैं। वैसे यह उनके लिये इतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि पिच पहले ही दिन से टर्न ले सकती है।

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच 2001 के बाद से हुई श्रृंखलाओं में एशेज की तुलना में बेहतर क्रिकेट देखने को मिला है। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की इस जमात को मैथ्यू हेडन, जस्टिन लैंगर, ग्लेन मैकग्रा या एडम गिलक्रिस्ट जैसे 2004 की टीम के खिलाडिय़ों की बराबरी करनी है तो यह श्रृंखला जीतनी होगी।
स्टीव स्मिथ ने खुद कहा है कि भारत में श्रृंखला जीतना एशेज से भी बड़ा है।

रोहित चोट या बीमारी के कारण बड़ी टीमों के खिलाफ सभी टेस्ट चूकते आये हैं। चाहे 2022 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला हो या इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट। अब उनके सामने चुनौती विराट कोहली की तरह भारत को एक बार फिर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में ले जाने की है।

इसके लिये भारत को जीत में दो मैचों का अंतर रखना होगा। रोहित के ब्रहमास्त्र उनकी स्पिन चौकड़ी है जिनमें से तीन का खेलना तय है। इसी तरह उनके बल्लेबाजों को भी लियोन को संभलकर खेलना होगा।

कोई नहीं जानता कि बीसीसीआई ने पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत की नाकामी के बाद रोहित को टी20 कप्तानी से हटाया तो उन्हें कैसा लगा होगा। वह सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहते लेकिन दुखी जरूर होंगे। अब उनके पास खुद को महान कप्तानों की सूची में शामिल कराने के लिये यह श्रृंखला एक जरिया है।

उन्हें ऋषभ पंत की कमी जरूर खलेगी और देखना होगा कि वह इसकी भरपाई कैसे करते हैं। कोना भरत बतौर विकेटकीपर प्रभावी है लेकिन रणजी स्तर पर तिहरे शतक के बावजूद आस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के सामने उनकी क्षमता को लेकर कुछ कह पाना मुश्किल है । कोटला पर रणजी मैच में दिल्ली के गेंदबाजों ने उन्हें काफी परेशान किया।

ईशान किशन बेहतर बल्लेबाज जरूर है लेकिन विकेटकीपिंग को लेकर टीम प्रबंधन कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा क्योंकि उन्होंने टेस्ट में यह जिम्मा संभाला भी नहीं है।

केएल राहुल को बाहर किया जा सकता है लेकिन टेस्ट से दो दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस में उन्हें भेजने का मतलब है कि खराब प्रदर्शन के बावजूद उनकी जगह सुरक्षित है। इसके मायने हैं कि गिल या सूर्यकुमार जैसे मैच विनर में से एक को बाहर बैठना होगा।

रोहित के लिये सबसे बड़ा फैसला अक्षर या कुलदीप में से एक को चुनना होगा और अक्षर की संभावना अधिक लग रही है। भारत अगर चार स्पिनरों को लेकर उतरता है तो रविचंद्रन अश्विन को नयी गेंद सौंपी जा सकती है।

वैसे सूखी लग रही पिच पर तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग भी मिल सकती है तो ऐसे में मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज उपयोगी साबित होंगे।

दूसरी ओर आस्ट्रेलिया निचले क्रम पर बल्लेबाजी के बेहतर रिकॉर्ड के कारण लियोन के जोड़ीदार के तौर पर एगर को उतार सकता है। कमिंस के साथ स्कॉट बोलैंड नयी गेंद संभालेंगे।

आस्ट्रेलिया के पास चार खब्बू बल्लेबाज हैं जिनमें डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड और एलेक्स कारी का खेलना तय है। कैमरन ग्रीन की गैर मौजूदगी में अतिरिक्त बल्लेबाज पीटर हैंडस्कांब या मैट रेनशॉ में से होगा।

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