फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकरडिजिटल हाउस अरेस्ट कर पीड़ित के साथ 47 लाख कीधोखाधड़ी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार

घटना दिनांक 23.06.2025 को वादी श्री रविन्द्र वर्मा द्वारा सूचना दी गई कि उन्हें एक अज्ञात कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें कॉलर ने स्वयं को CBI अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड का उपयोग अवैध गतिविधियों में किया गया है और उनके विरुद्ध अंधेरी ईस्ट, मुंबई थाने में एफआईआर दर्ज है। तत्पश्चात कॉल अंधेरी ईस्ट थाने ट्रांसफर हुआ और WhatsApp वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति पुलिस वर्दी में उन्हें धमकाने लगा। उसने आरोप लगाया कि वादी मनीलॉन्ड्रिंग केस में संलिप्त हैं और उन्हें जेल भेजा जाएगा। बचने हेतु एकांत कमरे में रहने, वीडियो कैमरे के सामने परिवार के किसी सदस्य के न आने, और न्यायालय के आदेशानुसार 99% संपत्ति सुप्रीम कोर्ट खाते में ट्रांसफर करने की बात कही गई।

आरोपी ने फर्जी अरेस्ट वारंट एवं न्यायालय के सीज़र ऑर्डर भेजकर वादी को धमकाया और ₹47 लाख की धोखाधड़ी कर ली। इस पर थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में अपराध संख्या – 100/2025 के अंतर्गत धारा 318(4), 319(2), 351(1), 351(3), 351(4), 204, 205, 336(2), 340(2) BNS एवं आईटी अधिनियम की धारा 43A, 65, 66, 66C, 66D, 69, 84B, 85, तथा विशिष्ट पहचान अधिनियम 2016 (संशोधित 2019) की धारा 38(झ) के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।

इस मामले के सफल अनावरण हेतु माननीय पुलिस आयुक्त लखनऊ, संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), पुलिस उपायुक्त (अपराध), अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध), एवं सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर क्राइम) के निर्देशन एवं पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में साइबर क्राइम थाना लखनऊ एवं साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई।

प्रभारी निरीक्षक की टीम ने तकनीकी सहायता और सूचना तंत्र के माध्यम से कार्य करते हुए 02 शातिर साइबर अपराधियों को 04.07.2025 को क्योंझार, ओडिशा से गिरफ्तार कर लखनऊ लाकर थाना साइबर क्राइम में दाखिल किया।

अपराध करने का तरीकाः

              इस साइबर अपराध पद्धति साइबर अपराधीद्वारा मोबाइल नंबर व आधार आईडी अवैध गतिविधि मे इस्तेमाल कार्ड का दुरुपयोग करके, मनीलॉन्ड्रिंग,MDMA, टेररिस्टकन्वर्जन में नागरिकों का मोबाइल नंबर व अन्य पहचान आदि का इस्तेमाल होना बताकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर अपराध करते हैं | साइबर अपराधी खुद को पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई जैसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करते हैं और उन्हें यह विश्वास दिलाने में हेरफेर करते हैं कि उन्होंने कुछ गंभीर अपराध किया है। कुछ मामलों में, पीड़ितों को “डिजिटल रूप से गिरफ्तार” किया जाता है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उन्हें अपराधियों के सामने स्काइप या अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफार्मों पर दिखाई देने के लिए मजबूर किया जाता है । साइबर जालसाज पीड़ित को यह विश्वास दिलाने में धोखा देते हैं कि उसे ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के तहत रखा गया है और यदि वे घोटालेबाजों को बड़ी रकम का भुगतान नहीं करते हैं तो उन पर मुकदमा चलाया जाएगा । साइबर अपराधी अक्सर भोले-भाले पीड़ितों को यह विश्वास दिलाकर कि उन्हें ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में डाल दिया गया है और जब तक वे पैसे नहीं चुका देते, वे घर से बाहर नहीं निकल सकते , उन्हें आत्म-गिरफ्तार करने या स्वयं को एकांतवास में रखने के लिए मजबूर करते हैं । इसके बाद ठगों द्वारा पुलिस स्टेशन जैसे सेटअप दिखाकर वीडियो कॉल करके डराया जाता हैं। पूछताछ के नाम पर वेबकैम, स्काइप मोबाइल से वीडियो कॉल पर डरा धमकाकर उनसे मोटी रकम की ठगी की जाती है एवं ठगी के रुपयों को विभिन्न बैंक खातो व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से USDT में कन्वर्ट कर आपस में बाँट लेना |

पूछताछ का विवरण-

पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड बनवाकर उनमें अपने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करते थे। ठगी की राशि ICICI बैंक की कॉर्पोरेट नेटबैंकिंग और Run Paisa गेटवे के माध्यम से जयंत साहू की फर्म के खातों में ट्रांसफर करते थे। वहां से ठगी की राशि को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदल कर आपस में बाँट लेते थे।

अभियुक्त ने यह भी बताया कि दिनांक 21.06.2025 को उदित बलवंतराय कार्ड (संख्या 5405 2900 1058 4008) के माध्यम से की गई डिजिटल ठगी की राशि ₹27 लाख TRINAV DIGITAL PVT LTD के खाते में भेजी गई थी और आगे के बैंक खातों की जानकारी जयंत साहू को उनके WhatsApp नंबर 9861275859 पर भेजी गई। उन्हीं खातों में ठगी की धनराशि भेजी गई थी और फिर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर आपस में बाँटी गई।

गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण-

  1. रंजीत कुमार बेहेरा पुत्र महेश्वर बेहेरा निवासी बहनगा, गंढोना, थाना खनरापाडा, जनपद बालेश्वर, ओडिशा | उम्र लगभग 27 वर्ष
  2. जयंत कुमार साहू पुत्र बैधर साहू निवासी बेलाबहाली, थाना घशीपुरा, जनपद क्योंझार, ओडिशा | उम्र लगभग 33 वर्ष

गिरफ्तार अभियुक्त से बरामदगी का विवरण-

  • 1,27,740 रूपए बरामद |
  • 03 अदद मोबाइल फ़ोन (घटना में प्रयुक्त) |
  • 03अदद आधार कार्ड/ वोटर आईडी कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस

गिरफ्तारी करने वाली टीम –

  1. प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव, साइबर क्राइम थाना लखनऊ ।
  2. उ0नि0 अंकित शर्मा, साइबर क्राइम थाना लखनऊ ।
  3. उ0नि0 राकेश मिश्रा, साइबर क्राइम सेल लखनऊ |
  4. हे0का0 अखिलेश पटेल, साइबर क्राइम सेल लखनऊ |
  5. आरक्षी सौरभ गंगवार, साइबर क्राइम थाना लखनऊ ।
  6. आरक्षी अमित तिवारी, साइबर क्राइम सेल लखनऊ |
  7. आरक्षी अविनाश वर्मा, साइबर क्राइम सेल लखनऊ |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *