इंदौर , हाईकोर्ट ने कहा-आरक्षक भर्ती में उत्तीर्ण होने के बावजूद नियुक्ति नहीं देना सजा के समान  

 
इंदौर : हाईकोर्ट इंदौर ने पुलिस आरक्षक भर्ती में उत्तीर्ण होने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं देना अपरोक्ष रूप से सजा मानते हुए सरकार को नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए। भर्ती की सम्पूर्ण प्रक्रिया में पास होने पर भी उसे इस आधार पर नियुक्ति पत्र देने से इंकार कर दिया गया था कि उसके खिलाफ एक आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था जबकि इस केस में भर्ती प्रक्रिया से पूर्व ही कोर्ट से ससम्मान बरी किया जा चुका है। हाईकोर्ट इंदौर में जस्टिस प्रणव वर्मा ने इसे गंभीर त्रुटि मानते हुए सरकार को निर्देशित किया कि छह सप्ताह में कांस्टेबल का नियुक्ति पत्र जारी करें। याचिकाकर्ता चंद्रभानु डाबर पुलिस आरक्षक के पद पर वर्ष 2017 में सभी प्रक्रिया पूर्ण कर चयनित हुआ। बाद में उसे इस आधार पर नियुक्ति पत्र जारी  नहीं किया गया कि उसके खिलाफ एक आपराध्किा मामला दर्ज था। वर्ष 2019 में उसने हाईकोर्ट में शरण ली तो कोर्ट ने सरकार से उसके अभ्यावेदन पर तथ्यों के आधार र विचार करने के निर्देश दिए थे किन्तु सरकार ने उसके अभ्यावेदन को खारिज कर दिया। उसने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने पुन: विचार कर निर्णय के निर्देश दिए लेकिन सरकार ने फिर खारिज कर दिया। इसके बाद तीसरी बार हाई कोर्ट में याचिका लगाई। सुनवाई में याचिकाकर्ता आरक्षक की ओर से एडवोकेट यशपाल राठौर ने तर्क रखे कि उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 427, 436 के तहत केस दर्ज था जिसमेें अभियोजन पक्ष आरोप प्रमाणित नहीं कर पाया। इस पर कोर्ट ने उसे 29 जनवरी 2016 को सम्मान बरी हो चुकी है। वकील ने यह भी तर्क भी दिया कि उसके खिलाफ एक आराधिक केस दर्ज था सिर्पु इस आधार पर उसकी उम्मीदवारी निरस्त नहीं की जा सकती। इस केस का निराकरण वर्ष 2017 में हुई भर्ती के पहले ही वर्ष 2016 में हो चुका था। उसके चयनित होने की प्रक्रिया के दौरानउसके खिलाफ कोई आपराधिक केस लंबित नहीं था। इसके पक्ष में सुप्रीम कोई के कुछ न्याय दृष्टांत भी पेश किए गए। कोर्ट ने सभी पक्षकारों के तर्क सुनने के बाद याचिका स्वीकार करते हुए माना की याचिकाकर्ता को कांस्टेबल पद पर नियुक्ति से वंचित करना परोक्ष सजा जैसा है जो स्वीकार्य नहीं है। शासन ने नियुक्त नहीं देकर गंभीर त्रुटि की है। कोर्ट ने शासन को निर्देशित किया जाता है कि वह छह सप्ताह में याचिकाकर्ता को नियुक्ति पत्र जारी करे।    

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