रुडकी: नारसन में फसलें जलमग्न, किसान परेशान

डे नाईट न्यूज़ मेहनत के साथ उगाई गई फसलों के एक झटके में ही खराब हो जाने से किसान परेशान हैं। किसानों को अब सरकारी मदद का इंतजार है।
बरसात में फसल के बर्बाद होने के बाद देहात क्षेत्र में यही चर्चा है कि अब किसान का क्या होगा। नारसन इलाके में खेती की सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पूरी तरह से जलमग्न है। खेतों से पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे ही पानी कम होने लगता है तो फिर से बरसात हो जाती है। इलाके में ज्यादातर गन्ने की फसल के अलावा पशुओं के चारे के लिए ज्वार, बाजरा आदि की फसल उगाई जाती है।

क्षेत्र में धान की खेती किसान कम ही करते हैं। गन्ने की खेती कुछ समय के लिए जलभराव को भी सहन कर लेती है। लेकिन इस बार खेतों में पानी भरे हुए 10 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। ऐसे में फसल का बर्बाद होना शुरू हो गया है। नारसन कलां के किसान सुबोध कुमार ने बताया कि करीब पांच बीघा गन्ना पीला पड़कर पूरी तरह नष्ट हो गया है। छोटी जोत वाले किसान हैं। लिहाजा उसे भविष्य की चिंता सता रही है। बुजुर्ग दीपचंद सिंह ने बताया कि किसान पहले से ही परेशान है। प्राकृतिक आपदा ने उसकी समस्या बढ़ा दी है।

गौरव कुमार का कहना है कि खेती को छोड़कर किसान कुछ और कार्य भी नहीं कर सकते। कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने कर्जा लेकर फसल उगाई थी। ऐसे किसान बेहद उलझन में पड़े हुए हैं। छोटी जोत वाले किसान घर का खर्चा चलाने के लिए पशुपालन, सब्जी की खेती जैसा कार्य करते हैं। पानी से पशुओं के चारे की फसल ज्वार, बाजरा आदि भी नष्ट हो जाने से पशुओं का पेट भरने का संकट पैदा हो गया है। सब्जी वाली फसलें भी खत्म हो गई। किसानों को अब सरकारी मदद का इंतजार है।

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