हार्वर्ड-स्टैनफर्ड से MBA करके भी नहीं मिल रही जॉब, क्या है वजह?

Harvard University MBA: दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से MBA करने के बाद भी छात्रों को नौकरी के लिए दर-दर की भटकना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल अमेरिका के अन्य बिजनेस स्कूल का भी है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (HBS) के 23 फीसदी MBA ग्रेजुएट्स पढ़ाई खत्म होने के तीन महीने बाद तक बेरोजगार रहे हैं। हार्वर्ड के अलावा स्टैनफर्ड, व्हार्टन जैसे अमेरिका के टॉप स्कूलों के छात्रों का भी ऐसा ही हाल है।
यही वजह है कि बहुत से लोग अब ये सवाल कर रहे हैं, क्या हार्वर्ड-स्टैनफर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से MBA करने का कोई फायदा है? क्या अमेरिका से MBA करने पर अच्छी सैलरी वाली नौकरियां मिलेंगी? फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि अमेरिका से MBA करने का फायदा का सौदा नहीं है, क्योंकि नौकरियां पाना बेहद मुश्किल हो गया है। भारत से भी हजारों छात्र अमेरिका में MBA की पढ़ाई के लिए ही जाते हैं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उन्हें अमेरिका जाने से पहले दो बार सोचना चाहिए।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस ट्रेंड के पीछे आर्थिक बदलाव और कंपनियों की नियुक्ति की रणनीति में बदलाव होना है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, जॉब मार्केट में बदलाव टीमों की ‘दक्षता’ और ‘रिस्ट्रक्चरिंग’ पर बढ़ते फोकस की वजह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां अब सामान्य MBA ग्रेजुएट को नौकरी पर रखने के बजाय कोडिंग या डेटा एनालिटिक्स जैसे अधिक स्पेशलाइज्ड टेक्निकल स्किल वाले लोगों को रख रही हैं।

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