इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन

डे नाईट न्यूज़ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2023 के अवसर पर राजभाषा अनुभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी विभाग में विशेष वक्तव्य,रचना-पाठ और कबीर गायन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रचना -पाठ के पूर्व डॉ. दीनानाथ मौर्य ने मातृभाषा के विषय पर बात करते हुए कहा कि सभी मातृभाषाओं को समान रूप से संरक्षण और व्यवहार में लाना जाना चाहिए।उन्होंने किसी भी प्रकार के भाषाई वर्चस्व को खतरनाक माना।इससे हमारी भाषाई विविधता को नुकसान पहुँचता है।

 कार्यक्रम में हिंदी, बांग्ला, संस्कृत, मराठी, अंग्रेजी, मलयालम, तेलुगु, पंजाबी, ओड़िया, उर्दू, भोजपुरी, अवधी, गोंडी, ब्रजभाषा, बुंदेली तथा मार सहित 20 बोलियों और भाषाओं में विभिन्न विभागों से आए रचनाकारों ने अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। जिनमें अभिनव चटर्जी, दानिश आइमी,  डॉ. मृत्युंजय राव, पारुल रस्तोगी, डॉ. धीरेंद्र धवल,  डॉ. जसविंदर सिंह, डॉ. देवाशीष पति, डॉ. देबोरोह , डॉ. युवराज निबांजी हिराडे,  डॉ. लेखराम दन्नाना, डॉ. रेहनामोल पी. आर, डॉ. गाजुला राजू, डॉ. जनार्दन, डॉ. कविता कादंबरी ,डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता, राधेश्याम यादव और  महताब यादव ने कविताएं सुनाई। सभी रचनाकार इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे। 

इस दौरान राजभाषा महोत्सव के अंतर्गत सम्पन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को मंचस्थ अतिथियों ने प्रमाण-पत्र प्रदान किया।कार्यक्रम की अध्यक्ष उर्दू विभाग की अध्यक्ष प्रो. शबनम हमीद ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का संयोजन  करने से हमारी भाषाई विविधता की खूबसूरती सामने आती है।हिंदी, उर्दू सहित  अन्य भारतीय भाषाओं की साझेदारी हमारी बड़ी ताकत है। उसे युवा पीढ़ी को समझना चाहिए। राजभाषा अनुभाग के संयोजक प्रो. संतोष भदौरिया ने कहा कि मातृभाषाओं में कविता सुनना विरल अनुभव है।

इस अवसर पर उर्दू के वरिष्ठ कथाकार असरार गांधी, अहमद हसनैन, डॉ.आशुतोष पारथेश्वर, डॉ. सुनील विक्रम सिंह, डॉ. अमृता, डॉ. वीरेंद्र मीणा, डॉ. अंशुमान कुशवाहा, डॉ. अमितेश, हेमराज डोगरा, सृष्टि, श्वेता, राहुल कुमार, धर्मवीर सरोज, कुंजबिहारी, अतुल सिंह, करन परिहार, सत्यम, बालकरन आदि तमाम शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।

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