संतकबीर नगर: कागजों में संचालित हो रहा सार्वजनिक शौचालय लटक रहा ताला

डे नाईट न्यूज़ स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे जिम्मेदार

एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने का ख्वाब देख रही है तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदारों के द्वारा ही इस मिशन को पलीता लगाया जा रहा है। शौचालय तो बने पर यह अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। इसके चलते खुले में शौच की प्रथा खत्म नहीं हो पा रही है।

पीएम मोदी की अति महत्वकांक्षी योजना स्वच्छता भारत मिशन के तहत प्रशासन गांवों में बेशक सार्वजनिक शौचालय निर्माण करवाने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगा रहा हो, लेकिन वास्तविकता में सार्वजनिक शौचालयों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर यह शौचालय केवल शो-पीस बन कर रह शौचालय स्वच्छता अभियान की असफलता की बानगी पेश कर रहे हैं। आपको बताते चलें की खबर यूपी की संतकबीरनगर जनपद के विकासखंड साथां क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सौरहा से है जहां जिम्मेदार ग्राम प्रधान सचिव द्वारा शासन के निर्देश पर आनन-फानन में शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया और साथ ही सार्वजनिक शौचालय पर केयरटेकर के हवाले कर के बाकायदा उसका मानदेय भी दिया जा रहा है। बाहर से चमक रहे सार्वजनिक शौचालय तक पहुंचने का न तो कोई रास्ता है और ना ही इसका ताला अभी तक खुला है।

वहीं भाजपा नेता लालचंद शर्मा ने कहा कि आबादी से दूर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन अभी तक सार्वजनिक शौचालय का ताला तक नहीं खुला है ना तो यहां पहुंचने का रास्ता है और ना ही कोई व्यवस्था की गई है।जिससे गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, जिससे सरकार की योजना पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं मजे की बात तो यह है कि जिम्मेदार सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा इसे शुरु करने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है और केयरटेकर को मानदेय भी दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ सरकार ओडीएफ प्लस योजना को शुरू करने जा रही हैं। सवाल यह उठता है कि जब सरकार के ही मातहत अधिकारियों द्वारा योजनाओं के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है तो आम जनमानस को इसका लाभ कैसे मिले ।

यह मसला किसी एक ग्राम पंचायत का नहीं बल्कि साथां ब्लाक क्षेत्र के अधिकतर ग्राम पंचायतों में यही स्थिति बनी हुई है जिससे जहां जिम्मेदारों द्वारा लाखों रुपए योजना के नाम पर खर्च किया गया लेकिन उसका परिणाम शून्य मिल रहा है। जिसके पीछे कहीं न कहीं जिम्मेदार ब्लॉक के अधिकारियों की उदासीनता साफ झलक रही है।

वही पूरे मामले पर जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि शासकीय कार्य से जनपद से बाहर है जनपद में पहुंचने पर मामले की जांच कराई जाएगी और अगर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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