रायपुर: गौठानों में 1 लाख 26 हजार 858 लीटर गोमूत्र की खरीदी

डे नाईट न्यूज़ राज्य में गौमूत्र से जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और फसल वृद्धिवर्धक जीवामृत का उत्पादन और उपयोग खेती में होने लगा है। गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से अब तक 1 लाख 26 हजार 858 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है, जिससे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 47 हजार 447 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 21 हजार लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत बनाया गया है। खेती में उपयोग के लिए किसानों द्वारा अब तक 59 हजार 557 लीटर ब्रम्हास्त्र और जीवामृत क्रय किया गया है, जिससे गौठानों को 25 लाख 74 हजार 355 रूपए की आय हुई है।

गोबर से 27.56 लाख क्विंटल कम्पोस्ट खाद का उत्पादन- गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में 2 रूपए किलों में गोबर की खरीदी गौठानों में महिला समूहों द्वारा अब तक कुल 27 लाख 56 हजार क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। जिसमें 22 लाख 5 हजार 138 किवंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 50 हजार 862 क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद शामिल है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमश: 10 रूपए, 6 रूपए तथा 6.50 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है।

महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 105 करोड़ 67 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 11,885 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 1,36,123 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन किया जा रहा है।

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