दिल्ली: सदन में हंगामा करने वाले पार्षदों का निलंबन संभव

डे नाईट न्यूज़ एमसीडी सदन की बैठक में हंगामा, मारपीट व तोड़फोड़ मामले में गेंद उपराज्यपाल के पाले में है। एलजी हंगामा करने वाले पार्षदों के खिलाफ निलंबन तक की कार्रवाई कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप को नुकसान हो सकता है, क्योंकि हंगामे के मामले में पीठासीन अधिकारी व एमसीडी की रिपोर्ट के आधार पर पार्षदों को सदन की एक से तीन बैठक तक निलंबित किया जा सकता है। डीएमसी एक्ट में इस तरह की कार्रवाई का प्रावधान है। इस बीच इस मामले को लेकर भाजपा आज राजघाट पर प्रदर्शन करने वाली है। 

उपराज्यपाल के पार्षदों को सदन से निलंबित करने का निर्देश देने की स्थिति में आप को महापौर व उपमहापौर चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, सदन की बैठक में हंगामे की शुरूआत आप के पार्षदों ने की थी। हालांकि, भाजपा के पार्षद भी बाद में हंगामा करने में पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी आप के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।

उधर, एमसीडी के अधिकारियों का मानना है कि सदन में हंगामा होने के कारण पार्षदों की शपथ व महापौर और उपमहापौर का चुनाव न होने पर उपराज्यपाल कड़ा कदम उठाएंगे। उनके इस मामले में पीठासीन अधिकारी व एमसीडी की रिपोर्ट का अध्ययन करने के साथ-साथ कानूनी राय लेने की भी संभावना है, क्योंकि एमसीडी में महापौर नहीं है और पीठासीन अधिकारी को पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। लिहाजा उपराज्यपाल को अब एमसीडी की बैठक सुचारू रूप से चलवाने के संबंध में निर्णय लेना है। इस कड़ी में उपराज्यपाल के सदन की बैठक में मार्शल आउट करने का प्रावधान भी किया जाएगा। ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी हंगामा करने वाले पार्षदों को सदन से बाहर कर सकेगी।

रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई पर फैसला
दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि सदन की बैठक में हंगामा होने के मामले में पीठासीन अधिकारी सत्ता शर्मा की ओर से कड़ी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी जाएगी। वह रिपोर्ट तैयार करने लग गई और अगले सप्ताह उपराज्यपाल को रिपोर्ट सौंपेगी। हालांकि उन्होंने फौरी तौर पर उपराज्यपाल को पूरे हालात से अवगत करा दिया है और उनसे बात करने के बाद ही उन्होंने सदन की बैठक अगली तारीख तक स्थगित करने का ऐलान किया। उधर एमसीडी के अधिकारी सदन में हंगामा होने के मामले में सोमवार से रिपोर्ट तैयारी करनी शुरू करेंगे और उनके अगले सप्ताह के अंत तक उपराज्यपाल को रिपोर्ट देगी संभावना है। निगमायुक्त ने पूरे मसले पर संबंधित अधिकारियों से बात करके उपराज्यपाल को मौखिक तौर पर रिपोर्ट दे दी है।

बैठक जल्द होने की संभावना नहीं
एमसीडी के सदन की बैठक जल्द होने की संभावना नहीं है, क्योंकि बैठक को सुचारू रूप से चलाने के संबंध में कई इंतजाम करने है। इसके अलावा सदन में हुई तोड़फोड़ के कारण उसे दुरूस्त करने की आवश्यकता है। वहीं, एमसीडी की तरफ से बैठक की तिथि करने के लिए आग्रह किया जाएगा। एमसीडी के मुताबिक वह अगले सप्ताह ही बैठक बुलाने के लिए फाइल चलाई जाएगी। इस तरह माना जा रहा है कि सदन की बैठक इस माह के अंत में होगी। लिहाजा पार्षदों को शपथ लेने के लिए करीब 20 दिन इंतजार करना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार की सिफारिश पर उपराज्यपाल ने एमसीडी में मनोनीत किए चार पार्षदों ने शपथ ले ली, लेकिन वह हंगामे के कारण रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं कर सके। इस तरह हंगामे के दौरान शपथ लेने वाले मनोनीत पार्षद विनोद कुमार, लक्ष्मण आर्य, मुकेश मान व सुनीत चौहान के पार्षद बनने का मामला स्पष्ट नहीं हो सका। हालांकि, पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा को पार्षद वाले सभी अधिकार व शक्ति प्राप्त हो गई है। उनको नई दिल्ली जिला के जिलाधीश ने शपथ दिलाई और उन्होंने रजिस्टर में भी हस्ताक्षर कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही शुरू की थी।

भाजपा का धरना आज
निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षदों की ओर से हंगामा करने के मामले में भाजपा सख्त हो गई है। भाजपा ने सड़क से लेकर उपराज्यपाल सचिवालय तक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर दी है। भाजपा नेताओं ने शनिवार को राजघाट के सामने धना देने का निर्णय लिया है, वहीं वह इस मामले में उपराज्यपाल से शिकायत करेगी।

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