अलर्ट: गणतंत्र दिवस पर पंजाब व जम्मू में हमले की फिराक में जैश आतंकी

डे नाईट न्यूज़ पाकिस्तान का आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद गणतंत्र दिवस पर बड़ी आतंकी साजिश रच रहा है। जम्मू कश्मीर और पंजाब में बड़ा हमला करने की फिराक में है। इसके लिए पंजाब और सांबा व कठुआ बॉर्डर के नजदीक आतंकियों ने डेरा जमा लिया है।

जो धुंध और खराब मौसम का लाभ उठाकर बॉर्डर से घुसपैठ करने की कोशिश में हैं, क्योंकि इस समय कश्मीर में एलओसी पर बर्फबारी की वजह से घुसपैठ के रूट बंद हो गए हैं। इसलिए आतंकियों के लिए घुसपैठ करने का सबसे मुफीद रास्ता पंजाब बॉर्डर और जम्मू संभाग का कठुआ एवं सांबा बॉर्डर है।

यहां से पहले भी घुसपैठ हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि सांबा और कठुआ बॉर्डर के उस पार 7 जगहों पर जैश ए मोहम्मद के 3 से 4 आतंकियों के प्रशिक्षित दल घुसपैठ की फिराक में बैठे हुए हैं। यह आतंकी सीमा के नजदीक पाकिस्तानी रेंजरों के बंकरों में मौजूद हैं।

कुछ आतंकी बॉर्डर से सटी मस्जिदों और गांवों में मौजूद हैं, जिन्हें पाकिस्तानी रेंजर और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लोग पूरी मदद कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस तक हर हाल में आतंकियों को घुसपैठ कर बड़ा हमला करने का आईएसआई की ओर से दबाव बनाया गया है। 

पठानकोट एयरबेस पर जैश ए मोहम्मद के आतंकी पहले भी हमला कर चुके हैं, जबकि गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर भी हमला हो चुका है। पंजाब में एक अन्य बड़ा हमला भी जैश ए मोहम्मद द्वारा किया गया है। 

जम्मू में भी बड़े हमलों के पीछे जैश

जम्मू के सुंजवां सैन्य कैंप, सुंजवां पुलिस एवं सीआईएसएफ संयुक्त नाके, नगरोटा सैन्य कैंप, बन टोल प्लाजा, झज्जर कोटली और कश्मीर में पुलवामा जैसा बड़ा हमला जैश ए मोहम्मद द्वारा किया जा चुका है। इन सभी हमलों के पीछे जैश के पाकिस्तानी आतंकी ही थे। 

राजोरी नरसंहार के बाद सतर्क 

कुछ ही दिन पहले आतंकियों ने राजोरी जिले के ढांगरी में 6 हिंदुओं की हत्या कर दी। इस वारदात के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं, लेकिन चुनौती गणतंत्र दिवस तक बरकरार है। 

सेना ने बनाया सुरक्षा ग्रिड

सूत्रों का कहना है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए पंजाब पुलिस, जम्मू पुलिस, बीएसएफ और सेना ने मिलकर सुरक्षा ग्रिड तैयार किया है। इसके तहत बॉर्डर से लेकर आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक दूसरे के साथ इनपुट सांझा करने पर जोर दिया गया है।

खासकर माधोपुर पुलिस नाके और लखनपुर पुलिस नाके के बीच तालमेल पर जोर दिया गया है। यहां दोनों तरफ के आने जाने वाले वाहनों की गहन जांच होगी। इसके अलावा बॉर्डर पर थोड़ी सी भी हलचल होने पर एक दूसरे से संपर्क कर सतर्क किया जाएगा। 

आतंकी संगठनों पर कश्मीर में काफी दबाव बना हुआ है। न तो एलओसी से इस समय घुसपैठ हो रही है। न ही स्थानीय स्तर पर उनके पास हमला करने वाले कमांडर हैं। इस दबाव को कम करने के लिए आतंकियों ने राजोरी में नरसंहार किया। आतंकी संगठन कश्मीर में दबाव कम करने के लिए और जगहों पर हमला करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए तमाम सुरक्षा एजेंसियों को अपने खुफिया तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय करना होगा। -एसपी वैद, पूर्व डीजीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस

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