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अंशुमान तिवारी का पलटवार
महेंद्र त्रिपाठी, महेंद्र त्रिपाठी, महेंद्र त्रिपाठी और महेंद्र त्रिपाठी यह एक ऐसा नाम है जिस नाम के सहारे ,अयोध्या के बच्चे बच्चे के मुंह से दलाल के रूप में जाना-जाने वाला पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला हमेशा अपने आप को सही साबित करने की कोशिश करता है, कहीं भी गंदगी फैलाता है या फिर इसके दलाली और ब्लैकमेलिंग से ना डर कर यदि इसपर कोई आरोप लगाता है, तो यह कुख्यात ब्लैकमेलर अपने दुश्मन महेंद्र त्रिपाठी के नाम का सहारा लेकर अपने आरोपों से पार पाना चाहता है।
कहने का मतलब यह है कि महेंद्र त्रिपाठी से इसकी वर्षों से दुश्मनी चल रही है, इसी का फायदा उठाते हुए जब कहीं इसकी चोरी पकड़ी जाती है तो यह कह कर बच निकलता है कि यह तो महेंद्र त्रिपाठी का किया धरा है। और जाहिर सी बात है जब तुम दोनों की दुश्मनी चल रही है तो तुम दोनों में से कोई किसी का विरोध करेगा तो अगला उससे मिलने जुलने की कोशिश करेगा इसका मतलब यह नहीं कि हमारे पास बुद्धि नहीं है, इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हारे काले कारनामे सफेद हो जाएंगे।
भड़ास पोर्टल पर अयोध्या का कुख्यात ब्लैकमेलर 420 का आरोपी राघवेंद्र शुक्ला हर बार अपने ऊपर लगे आरोप का जवाब देने पहुंच जाता है ,अब ना जाने क्या रिश्ता है भड़ास पोर्टल से इनका, और भड़ास पोर्टल पर बाहर के लोग ख़बरों को देखते हैं शायद बाहर के लोगों की नजर में सही बनना चाहता है ,क्योंकि अयोध्या के लोग तो इसके चरित्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं, खैर भड़ास पोर्टल पर कम पढ़े-लिखे पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला ने दो बार मेरे नाम की खबर चलाई तो सबसे पहले मैं अपना पक्ष रखता हूं।
➡️राघवेंद्र शुक्ला की आदत है तथ्यहीन खबरों को चलाना, नरसिंह मंदिर फर्जी बमकांड में आधारहीन खबरों को चलाकर अधिकारियों को इसने बहुत भ्रमित किया हालांकि, अधिकारियों को उसी दिन इसके खड़यंत्र का पता भी चला गया।
➡️दूसरा तथ्यहीन खबर, दलाल राघवेंद्र शुक्ला ने मेरे ऊपर ऐसे अपराध संख्या और धाराओं में जेल जाने की बात कही जिस पर पुलिस विवेचना में मुझे क्लीन चिट मिल चुकी है, और जिनमें मैं कभी जेल नहीं गया ,बिना तथ्यों को जाने अपने आप को पत्रकार कहने वाले राघवेंद्र शुक्ला ने खबर लिखी और अपने आप को मीडिया पोर्टल कहने वाले भड़ास ने प्रकाशित भी कर दिया, अब ऐसे लोगों को पत्रकार कहना तो मेरे लिए तो शर्म की बात है , हां मैं जेल गया था वह भी गंभीर धाराओं में लेकिन क्या मामला था पूरी अयोध्या जानती है की मैं निर्दोष था और यह दलाल भी जानता है।
➡️यदि मैं राघवेंद्र शुक्ला की दलाली की बात करूं तो अयोध्या के पुराने लोगों से बात करेंगे तो पता चलेगा की यह बेशर्म ऐसी चीज की दलाली करता था कि मुझे बताने में भी शर्म आ जाएगी और आपको भी सुनने में शर्म आ जाएगी, और रही इनके ऊपर मुकदमों की बात तो ना जाने कितने मुकदमे इसके ऊपर पंजीकृत हैं और न जाने कितने मुकदमे इनके ब्लैकमेलिंग के डर से इसके ऊपर लग ही नहीं पाए ,क्योंकि ब्लैकमेल हुए लोग भी कहीं ना कहीं गलत थे, और इसी का फायदा उठाकर जमकर वसूली करता है, वसूली करे भी क्यों ना आखिर पैसा कमाने की शुरुआत ही इसने दलाली से की ,तो फिर पत्रकारिता में दलाली क्यों नहीं करेगा।
➡️अगला आरोप इसने मुझ पर महेंद्र त्रिपाठी के गुर्गा होने का लगाया है, तो सुन ,अंशुमान तिवारी के अभी ऐसे दिन नहीं आए कि किसी की गुलामी करेगा, और मैं महेंद्र त्रिपाठी को नरसिंह मंदिर कांड से पहले जानता भी नहीं था, और अंशुमान तिवारी के बारे में पता कर लेना मैं वही काम करता हूं जो मुझे पसंद है और जो मुझे सही लगता है, पत्रकारिता भी मैं निष्पक्ष बिल्कुल नहीं करता हूं , पत्रकारिता मैं एक पक्ष की करता हूं और वह पक्ष होता है न्याय का और कमजोर का, और वह भी बिना किसी के बाप से डरे ,क्योंकि मेरे गुरु ने मुझे यही मंत्र दिया है, बहरहाल तुझे क्या पता कि गुरु क्या होता है और पढ़ाई क्या होती है।
➡️ और अगला आरोप इसने लगाया है ज्योति जायसवाल को भ्रमित करने का, तो मैं तुमको बता दूं, मेरे साथ के लोग मेरे स्वभाव से वाकिफ हैं मैं निःस्वार्थ सबके साथ खड़ा रहता हूं बिना डरे, और जब तुम्हारे अत्याचार की खबर मुझे लगी तो मैं अपने साथ पढ़ने वाली ज्योति जायसवाल, के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा हो गया हूं और खड़ा रहूंगा।
भृष्ट पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला के ज़बाब पर अब ज्योति जयसवाल का भी पलटवार पढ़ लीजिए….
1- राघवेंद्र शुक्ला का कहना है कि वह मेरे प्रति गलत धारणा नहीं रखता था, राघवेंद्र शुक्ला अभ्यस्त ब्लैकमेलर है ,वह हमेशा ऐसी बातों को रिकॉर्ड करता रहता है, जिसमें वह अपने आपको अच्छा साबित करना चाहता हो, और धमकी या अपशब्द व्हाट्सएप काल के माध्यम से ही लोगों देता है, इसने मुझसे व्हाट्सएप कॉल पर बहुत ही बेहुदी बात कही, जिसे मैं यहां बयां नहीं कर सकती।
2- दूसरे जवाब में इसने कहा कि “मैंने कहीं स्टिंग नहीं करवाई है अगर कहीं स्टिंग करवाता तो खबर चलवाता” तो इसपर मेरी भी सुन ले, इन्हें लगता है दुनिया मूर्ख हैं, जो ब्लैक मेलिंग करके धनउगाही करवाता है वह खबरों को क्यों चलवाएगा, जब खबरें मैनेज हो जाएंगी तो खबरें चलेंगी ही क्यों, और रही बात खबरों से समझौता करने की तो मैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हूं ,हालांकि जो गलत होते हैं जो तुम्हारे स्टिंग में फंस जाते हैं वह कहां शिकायत करेंगे क्योंकि वह खुद ही गलत है ,बहरहाल हमारे हाथ गुप्ता गेस्ट हाउस के नवमी लाल का वीडियो लगा जिसमें वह साफ-साफ कह रहा है कि तुमने दो लाख की मांग की, और मैं भी तुम्हारे इस गोरखधंधे की गवाह हूं, राघवेंद्र शुक्ला के पास कई तरह के स्पाई कैमरा हैं, जैसे कि “की-रिंग”, पेन और साथ ही साथ कुछ एप्प।
अब कबूल करो हंसते-हंसते।
3- फिर तुम्हें मेरी इसबात पर हंसी आती है कि तुमने ₹10000 तनख्वाह देने का वादा किया था, और मैं तुम्हारे ऑफिस में क्या करती थी, खैर तुम तो जानते ही हो लेकिन फिर भी पूछती हूं की स्टिंग करवाने किसको भेजते थे। अगर उन जगहों के सीसीटीवी कैमरा के फोटोस निकाले जाएंगे तो मैं जरूर दिख जाऊंगी, 3000 तुमने मुझे एडवांस दिया था जिसका मेरे पास भी स्क्रीनशॉट है, हां मैंने तुमसे फीस का पैसा मांगा था, क्योंकि इंसान किसी ना किसी बहाने से ही अपनी आवश्यकता पड़ने पर सैलरी मांगता है, और वापस करने की बात मैंने सिर्फ इसलिए कहीं क्योंकि वह पैसा मैंने सैलरी से इतर मांगा था।
4- और सबसे महत्वपूर्ण बात डॉक्टर इंद्रभान विश्वकर्मा के साथ तुम्हारे साथ-गांठ की है तो इसके मेरे पास गवाह है ,जो उस वक्त डॉक्टर के केबिन में मौजूद थे जब तुम मैनेजमेंट कर रहे थे ,आवश्यकता पड़ने पर मैं उस मरीज़ को बाइट जरूर उपलब्ध करवाऊंगी, और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय में स्वयं डॉक्टर इंद्रभान विश्वकर्मा ने कहा था कि मुझसे राघवेंद्र शुक्ला ने एप्लीकेशन लिखवा कर फोटो खींचा और तुमने यह सिर्फ मुझ पर दबाव बनाने के लिए और खबर रुकवाने , और मेरी छवि खराब करने के लिए किया था।
और चौथे जवाब में मुझे हंसी तब आती है जब यह कहता है कि सम्मानित पद एमबीबीएस एमडी पर गंभीर आरोप नहीं लगने चाहिए,बस इतना कहने से खबर रूक गई तो फिर ‘थू’ है तुम्हारी पत्रकारिता पर , अगर कोई एमबीबीएस एमडी है तो चाहे जितना भ्रष्ट हो सम्मानित ही कहा जाएगा? खैर मेरे पास मौजूद गवाह और तुम्हारी इस हास्यास्पद चौथे नंबर के जवाब से स्पष्ट है कि तुम्हारा और भ्रष्ट डॉक्टर इंद्रभान विश्वकर्मा का रिश्ता क्या है, और रही अनाप-शनाप बात सोशल मीडिया पर वायरल करने की बात तो आदतन यह तुमने मेरे साथ किया है मेरे नाम से तथ्यहीन खबरों को अपने द्वारा बनाए गए, व्हाट्सएप ग्रुप पर सर्कुलेट कर मेरी मानहानि की है।
5- पांचवे जवाब में इसने कहा है कि मेरा जॉब से निकाला जाना महज एक संयोग है, इसके हर जवाब में संयोग बहुत दिख रहा है, भड़ास मीडिया पोर्टल पर ही मेरे नाम की तथ्यहीन खबर चलाकर उसको नेटवर्क टेन, न्यूज़ चैनल में तुम्हारे गुर्गों द्वारा भेज कर मुझे निकलवाया गया, जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग मेरे पास मौजूद है आवश्यकता पड़ने पर मैं जरूर उपलब्ध करवाऊंगी, और नेटवर्क टेन से निकाले जाने के बाद अपने द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर एक बार पुनः तुमने मेरी मानहानि की, जिसके भी साक्ष्य मेरे पास मौजूद हैं।
राघवेंद्र शुक्ला लगातार मुझ पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि, इसकी दलाली की दुकान पर मैंने प्रहार किया है, राघवेंद्र शुक्ला के गुर्गे की कॉल रेकॉर्डिंग भी मेरे पास है, जिसमे यह राघवेंद्र का गुर्गा साफ-साफ कहते हुए सुना जा सकता है कि, ज्योति इस मामले में बच गई तो अगले मामले में फसाकर जरूर जेल भेज दूंगा, महेंद्र त्रिपाठी के कहने से न मैं और न ही अंशुमान कुछ करते हैं ,ना ही मेरा उनसे कुछ वास्ता है, हां अंशुमान तिवारी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं मेरे साथ खड़े हैं, और जो कुछ भी हम लोग करते हैं निष्पक्ष होकर अन्याय के खिलाफ सख़्त प्रहार करते हैं,जिससे पापी कराह जा रहे हैं। मेरी इस स्वास्थ्य विभाग में आमजन की मुहिम में जिस प्रकार मुझ पर मानसिक प्रताड़ना किया जा रहा है, भविष्य में कोई भी पत्रकार आमजन की समस्याओं को उठाने से बचेगा क्योंकि तुम जैसे राक्षस भ्रष्टाचार का सुरक्षा कवच बनकर खड़े हो, मेरे खिलाफ पहले ही दिन अपनी दलाली की दुकान (इंद्रभान विश्वकर्मा) को बचाने के लिए उसके द्वारा एप्लीकेशन लिखवाकर, मुझपर दबाव बनाने की कोशिश शुरू की गई, उसके बाद ना जाने कितने प्रार्थना-पत्र तुमने मेरे खिलाफ दिए और मेरे मित्र अंशुमान तिवारी के खिलाफ देकर अधिकारियों को भृमित किया, और अपने आप को पाक-साफ बताने के लिए महेंद्र त्रिपाठी नाम के कवच को भी ओढ़कर के लिए उनका भी नाम मेरे साथ जोड़ दिया। मेरे दुर्गा के रूप को देखकर ,अब मुझे अबला बताकर सहानुभूति लूटने की कोशिश बंद करो, मैं कमजोर नहीं हूं तुम जैसे राक्षस के लिए नारी दुर्गा और काली का अवतार भी ले सकती है ,अभी तो शुरुआत है मैं तुम्हारे सारे काले कारनामों को उजागर करूंगी और डरूंगी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि ज्योति अब ज्वाला बन चुकी है।
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