घरेलु गैस सिलिंडर पे जनजागृति अभियान

300रु. में मिल सकता है घरेलु गैस सिलेंडर ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन का दावा
60 प्रतिशत घरेलु सिलेंडर का अवैध इस्तेमाल

देश के ग़ाज़ीपुर जिले में घरेलू एलपीजी सिलेंडर का बड़े स्तर पर हो रहा अवैध इस्तेमाल
जो ग्राहक निर्धारित गैस सिलेंडर का उपयोग नहीं कर पाते, उनके शेष सिलेंडरों की हो रही कालाबाजारी, सरकार को 13 फीसदी जीएसटी का नुकसान पहुंचाया जा रहा, ब्लास्ट का खतरा, घातक हो सकते हैं परिणाम ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन ने पत्रकार वार्ता में किया खुलासा, जताई ठोस कार्यवाही की जरूरत

गाजीपुर:ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन सोळंके और कार्यकारी संचालक के आदेषानुसार देश में शहर-शहर जाकर जन जागरूकता के कार्यक्रम कर रही है। इस कार्यक्रम में ग़ाज़ीपुर वासियों को जगाने और जागरूक करने की दृष्टि से ग़ाज़ीपुर में प्रेस वार्ता के माध्यम से फाउंडेशन द्वारा पत्रकार वार्ता कर घरेलू गॅस सिलेंडर से कमर्शियल गैस सिलेंडर एंवम एलपीजी वाहनो में भरे जाने का खुलासा किया गया तथा शासन प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई।

60 फीसदी घरेलू सिलेंडरों का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल
ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन के विभागीय जनसंपर्क अधिकारी अक्षय मिश्रा ने बताया कि घरेलू गैस सिलेंडर एक बेहद सुरक्षित और गैर-प्रदूषणकारी ईंधन है। वर्तमान समय में देश में 75 प्रतिशत नागरिक इसका उपयोग घरेलू उपयोग के लिए कर रहे हैं। 60 प्रतिशत घरेलू सिलेंडरों का उपयोग अवैध रूप से व्यावसायिक स्थानों पर किया जा रहा है। इनमें 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडरों का उपयोग 35 प्रतिशत है जबकि 16 किलोग्राम या अन्य व्यवसायिक सिलेंडरों के मामले में 25 प्रतिशत कच्चे बिल का उपयोग खतरनाक तरीके से किया जा रहा है।

घरेलू सिलेंडरों का एलपीजी वाहनों में इस्तेमाल खतरनाक ..
उन्होंने बताया कि देश में घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल एलपीजी वाहनों में भी खतरनाक तरीके से किया जा रहा है। ऑटो एलपीजी वाहनों की दैनिक खपत की तुलना में 70 फीसदी चालक इलेक्ट्रिक मोटर पंप की मदद से बेहद खतरनाक तरीके से घरेलू सिलेंडर में एलपीजी भरते हैं। पहले भी बड़े हादसे हो चुके हैं लेकिन ऑटो एलपीजी पंपों से सिर्फ 30 फीसदी अधिकृत एलपीजी ही बेची जा रही है। आज ऑटो एलपीजी 52रु. रुपये प्रति लीटर बिकता है और इसका माइलेज भी अच्छा है।
आज तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एलपीजी गैस सीधे टैंकरों से ली जा रही है और लगभग 15 फीसदी सिलेंडरों में इसे भरा जाता है। ये बहुत खतरनाक है। पिछले 10 वर्षों में यह राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर 6.7 बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बना है। इससे लोगों के साथ.साथ सरकार को भी निजी क्षति हुई है और 65 लोगों की जान भी गई हैए फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है और सिर्फ अस्थायी कार्रवाई की जा रही है। हर राज्य में एलपीजी से जुड़ी शिकायतों और दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए राज्य स्तर और जिला स्तर पर सतर्कता समिति जैसी समितियां बनाई गई हैं और दुख की बात है कि उन्हें भी नजरअंदाज किया जा रहा है।
उज्ज्वला लाभार्थी पूरे 12 सिलेंडर नहीं ले रहे
फाउंडेशन द्वारा बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 2014 से अब तक लगभग 6.58 करोड़ लोगों को 100 रुपये शुल्क के साथ एलपीजी सिलेंडर दिया गया है और एलपीजी सिलेंडर की खरीद पर भारी छूट भी दी जा रही है। लेकिन अक्सर देखा जा रहा है कि उज्ज्वला लाभार्थी पूरे 12 सिलेंडर नहीं ले रहे हैं। वितरक इसका दुरुपयोग कर रहे हैं और अनुचित लाभ उठा रहे हैं।

सरकारी खजाने को पहुंच रहा करोड़ों रुपये का नुकसान
विनय पांडेय ने बताया कि 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर पर सरकार सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगाती हैए जबकि 16 किलो और 5 किलो के कमर्शियल गैस सिलेंडर पर 18 फीसदी जीएसटी लगाती है। इसके अलावा ऑटो एलपीजी यानी गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगता है। इसलिए सरकार को एलपीजी सिलेंडर की बिक्री से हर साल करोड़ों रुपये का जीएसटी मिलता है।

घरेलू गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड ट्रैकिंग प्रारंभ करने की मांग
देश में घरेलू एलपीजी सिलेंडर का बड़े स्तर पर अवैध इस्तेमाल किया जा रहा है। जो ग्राहक निर्धारित गैस सिलेंडर का उपयोग नहीं कर पाते, उनके शेष सिलेंडरों की कालाबाजारी हो रही है। इसकी अवैध बिक्री रोकने से जीएसटी राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है।

क्यूआर कोड से करें ट्रैकिंग
कमर्शियल सिलेंडर महंगे होते जा रहे हैं और कमर्शियल लोग घरेलू गैस सिलेंडर का चोरी छिपे इस्तेमाल करते हैं। प्रशासन भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने घरेलू गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड से ट्रैकिंग प्रारंभ करने की मांग उठाईए ताकि घरेलू सिलेंडर के अवैध इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके। इस प्रेस वार्ता में अक्षय मिश्रा, विनय पांडे, उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *