मुनाफ़े के नाम पर -बीएचयू के पूर्व प्रधान विभाग से 42 लाख 70 हज़ार रु का ग़ैरक़ानूनी व साइबर क्राइम, मुक़दमा दर्ज ⚡️वाराणसी। मुनाफे के नाम 42 लाख 70 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा व साइबर अपराध मामले में शुक्रवार को साइबर थाने में मुकादमा के खिलाफ अज्ञात मामला दर्ज किया गया है। गौतम नगर कलि, सुसुघी, थाना चितईपुर निवासी डॉ. उदय प्रताप रॉयल ने अपने शुरुआती संजीव वर्मा के माध्यम से पुलिस कमिश्नर को राय दी थी, जिसके बाद साइबर क्राइम थाने में धोखाधड़ी, साइबर क्राइम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
⚡️प्राकरण के अनुसार डॉ. उदय प्रताप रॉयल पिछले वर्ष 2023 में सर सुंदरलाल इंकलाब (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) के पूर्व विभागाध्यक्ष, कैंसर एकोलाजी विभाग के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। आरोप है कि 8 मार्च 2024 को एक मनीसुख स्टॉक स्टॉक ग्रुप में शामिल किया गया था। 13 अप्रैल 2024 को शेयर मार्केट से मित्रता की जानकारी प्राप्त करने के लिए वह इस ग्रुप से जुड़ गया। आदिती सिंह ने प्रोजेक्ट नंबर और टेलीग्राम पर इस ग्रुप का नाम असिस्टेंट रखा था। वह इस ग्रुप के सभी सदस्यों से जुड़े हुए थे और इसके मुख्य शिक्षक वीरेंद्र मनसुखानी थे, जिनमें ग्रुप में लोग प्रोफेसर कह कर बुलाते थे और वे बाजार की स्थिति देखकर स्टॉक में निवेश करने की सलाह देते थे। सहयोगी मानसुखानानी की सलाह लेकर ग्रुप के कई सदस्यों द्वारा सम्मानित लाभ की बात स्वीकार्यता और बढ़ा साझेदारी और धन्यवाद प्रस्ताव का एक ऐसा माहौल बनाया गया जिससे प्रेरित होकर उन्होंने 12 जून 2024 को उक्त ग्रुप में शामिल होकर आई मान्यता में निवेश करना चाहा, जिसमें 200 से 300 प्रतिशत तक लाभ की बात कही गयी। तदुपरांत अजित सिंह के डायरेक्ट पर कस्टमर सर्विस मैनेजर के माध्यम से वह मनीसुख मास्टर ड्रिम अनमचग इन खोल और आई सीलड ले ट्रैवेन्यूज टेक के लिए अप्लाई किया, सिस्टम के उसके द्वारा 74319 रुपये शेयर शेयर किया गया। सदस्यता विधि निवेशक पर अनुमोदित नहीं थी। यह एक तरह का लैटरी सिस्टम था, जिससे सिस्टम स्वयं से किसी का भी चयन किया जा सकता था। इस बात की जानकारी उसे नहीं दी गई जिसका पता बाद में चला। एक बार जब शेर से मुलाकात की गई तो उसे सदस्यता लेने की आवश्यकता नहीं थी, उसे एक बार अपने साथ फोर्ड के साथ होने वाली आपदा के बावजूद, लालची ने सांवरिया डीजे और साउंड में निम्नलिखित बैंक खाते पर ग्राहक सेवा के निर्देशों के बारे में बताया। 50000 12 जून 2024 को व जगदाबा रेस्टोरेंट केनरा बैंक में 20 लाख से अधिक बांसों की संख्या में 100000 (लगभग 100,000 से 10000000) को सूचीबद्ध किया गया। कुल (बत्तीस लाख सत्तर हजार बावन पनीर) स्थापित। उन्होंने IPO LE ट्रैवेंस टेक का शेयर 18 जून 24 को लिस्ट किया था, तब उन्होंने LE ट्रैवेंस टेक शेयर को एक नए के प्लेटफॉर्म पर बेच दिया था और अपना पैसा वापस निकाल लिया था और उनके द्वारा ₹10 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की गई थी, जिससे इतना बड़ा एमाउंट मिल गया था। 28 जून 2024 को 10 लाख रुपये डालने के बाद मुझे बताया गया कि मेरे खाते पर एक और ग्रुप आई शेयर है डीईई डेवलप इंजीनियर्स का नाम लेकिन इसके लिए उसने न तो कभी अप्लाई किया और न ही पैसे जमा किए लेकिन वह उन लोगों से फेल हो गई। खैर, उसने सभी स्टॉक को गैर-कानूनी तरीके से बेचकर विक्रय बंद कर दिया, टैब में बताया गया है कि वह मनसुख खाते में कुल 2981967498 रुपये का स्कोर है। फ़्रांसीसी बाज़ार होने के बाद ब्रोकरेज़ शुल्क के रूप में 14 लाख 90 हज़ार 9 सौ तीरासी रुपये 75 पैसे की मांग की गई। आमंत्रण अनुरोध के अंतिम चरण में ही आपका बैंक आपके बैंक के दस्तावेजों में अंकित किया जाएगा। उसने बार-बार यह पेशकश की थी कि यह ब्रोकरेज शुल्क मेरे मूल प्रस्ताव से मुझे शेष बकाया लौटा दिया जाए, लेकिन उनके द्वारा कोई दस्तावेज उत्तर नहीं दिया गया था, अब पूरा विश्वास हो गया था कि यह सारा क्रियाकलाप सु योजनाबद्ध प्रारूप और साइबर वित्तीय अपराध का मामला है, जिसमें उसने अपने जैसे कई डायलॉग्स ठगे हैं।