
युवा पीढी स्वामी विवेकानन्द के विचारो को आत्मसात करें-स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी
सहजता व समरसता के कारण हिन्दू धर्म सभी धर्मो की माता है-स्वामी निर्विकल्पानन्दजी
शिकागो में दिनांक 11 सितम्बर 1893 की विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द जी के वक्तृता के 129वीं वर्षगांठ की स्मृति में श्री रामकृष्ण मठ, लखनऊ के प्रेक्षागृह में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया।
उद्बोधन कार्यक्रम का शुभारम्भ रामकृष्ण मठ के प्रेक्षागृह में लघु संसद का आयोजन विभिन्न धर्मो से आए 4 प्रतिनिधियों ने द्वीप प्रज्जलित करके किया तथा रामकृष्ण मठ के संन्यासी भाई एवं ब्रहमचारियों ने वैदिक मंत्रोंच्चारणों का पाठ किया।
स्वामी विवेकानन्द द्वारा दिये गये शिकागो में दिये गये भाषण का पाठ विवेकानन्द युवा संघ, लखनऊ के विकास पटेल ने किया तथा भाषण का हिन्दी में अनुवादित पाठ विवेकानन्द युवा संघ, लखनऊ के समर नाथ निगम ने किया।
इस अवसर पर स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि शिकागो धर्म संसद में स्वामी जी के भाषण ने पूरी दूनिया में भारत के प्रति धारणा बदलने को मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानन्द के विचारो को आत्मसात कर अपना भविष्य उज्जवल करते हुये राष्ट्र के साथ ही साथ विश्व जगत को भी आलोकित करे। आज इस अवसर के महत्व व स्वामी जी के संदेशों सर्व धर्मों को मान्यता प्रदान और अनेकता के बीच एकता के स्वामी जी के संदेशों को उजागर किया। भगवद् गीता और मूल शिकागो उदबोधन का संदर्भ लेते हुये उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्म ठीक उसी प्रकार से है जैसे विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगे फूल एक माला में पिरोये हुये है। जिस धागे से वह माला पिरोया गया है वह इस ब्रह्मांड का एक भगवान है जिसने वादा किया है कि सभी प्रार्थनाएं उसके पास ही पहुंचती है।
इस अवसर पर स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी ने आये हुये अतिथियों को उपहार स्वरूप पौधे प्रदान करते हुये अंगवस्त्रम् व स्वामी विवेकानन्द की पुस्तक देकर सम्मानित किया।


तत्पश्चात कार्यक्रम में सम्मलित विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा व्याख्यान दिया गया। जिसमें बौद्व धर्म का प्रतिनिधित्व अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अनुसंधान संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार।, लखनऊ के अध्यक्ष भदंत शान्ति मित्रा तथा लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रमुख जूलॉजी विभाग के डा0 नवीन सैमुअल सिंह ने इसाई धर्म व डिवाइन हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के पदमश्री डॉ. (प्रो0) मंसूर हसन ने इस्लाम का प्रतिनिधित्व किया।
रामकृष्ण मिशन, जबलपुर, मध्य प्रदेश के सचिव स्वामी निर्विकल्पानन्द जी महाराज ने हिन्दुत्व का प्रतिनिधित्व करते हुये बताया कि हिन्दू धर्म सभी धर्मो की माता है जिसके कारण भारत समरसता के साथ सभी धर्मो को अपने अन्दर स्थान दिया।
समापन गीत रामकृष्ण मठ, लखनऊ के स्वामी पारगानन्द द्वारा प्रस्तुत किया गया तथा कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी भक्तगणों के मध्य प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
उपरोक्त समस्त कार्यक्रम हमारे यूटयूब चैनल ‘रामकृष्ण मठ लखनऊ’ के माध्यम से सीधा प्रसारण भी किया गया।
(स्वामी मुक्तिनाथानन्द)
अध्यक्ष
रामकृष्ण मठ, लखनऊ