दिन दहाड़े बच्चे के अपहरण और लूट की वारदात के दो आरोपी पकड़े

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भरतपुर । थाना चिकसाना अंतर्गत गांव हथैनी में  दिनदहाड़े गांव के 5 लोगों ने 6 वर्षीय बच्चे का अपहरण करने की कोशिश की। इतना ही नहीं लूटपाट कर सोने चांदी के जेवरात ले गए। इस बाबत पीड़ित ने थाना चिकसाना में मामला दर्ज कराया है। पीड़ित राकेश ने बताया शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे हथैनी निवासी रमेश पुत्र दौलतराम, दीपक पुत्र राजवीर, मोनू पुत्र कृष्णगोपाल, कपीश पुत्र कृष्णगोपाल, तेजवीर पुत्र राजवीर उसके घर में अपहरण व लूटपाट की नीयत से घुसे। घर के अंदर पत्नी को जब शोर की आवाज सुनाई दी तो रमेश मेरे 6 वर्षीय बेटे ऋषि को उठाकर ले जाने लगा। पत्नी रिंकी और मेरी बेटी खुशबू इनका विरोध करने लगीं। इस पर इन 5 लोगों ने मारपीट कर उसके कपड़े फाड़ कर बेअदब कर दिया। जब मैं वहां पहुंचा तो मेरे साथ भी इन लोगों ने मारपीट की। मोनू, कपीश, तेजवीर अलमारी में रखे जेवर लूट ले गये। वहीं रमेश और दीपक को मैंने वहीं पकड़ लिया और सरपंच प्रतिनिधि हथैनी को इसकी जानकारी दी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घर से रमेश व दीपक को पकड़ा और थाना चिकसाना ले गए। कपीश, मोनू, तेजवीर वहां से भाग गए। बाबत थाना चिकसाना प्रभारी विनोद मीना ने बताया मामले की जांच की जा रही है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि एक व्यक्ति पुलिस के सामने घर में घुसकर लूटपाट करने का आरोप लगा रहा है। वहीं दो लोगों को पुलिस कमरे के अंदर से निकाल कर ला रही है।

बच्चों के अपहरण की सूचना से हड़कंप, पारिवारिक विवाद का मामला निकला कस्बे में शाम को दो बच्चों के अपहरण की सूचना से लोगों में हड़कंप मच गया। लेकिन मामला पारिवारिक होने का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार कस्बे में वीरेंद्र कुमार के दो बेटे आदित्य (9) एवं शिवम (7) शाम को अपने पिता की दुकान से घर आ रहे थे। रास्ते में दो महिलाएं उन्हें अपने साथ ले गई। परिजनों को सूचना मिली तो उन्होंने अपहरण का मामला समझा। इसके बाद कुछ लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया जिससे कस्बेवासियों में भय व्याप्त हो गया। लेकिन जांच करने पर मामला पारिवारिक निकला। इसमें वीरेंद्र के भाई सुरेंद्र ने बताया कि कि वीरेंद्र का अपनी पत्नी सोनिया से कुछ विवाद चल रहा है और वह पिछले एक माह से अपने पीहर में रह रही है। और उसके दोनों बच्चे पति वीरेंद्र के पास थे। दोपहर को सोनिया अपनी बहन के साथ सीकरी आई और बाजार से दोनों बच्चो को अपने साथ ले गई। उसने बताया कि पहले पुष्टि नहीं होने से उन्होंने मामला अपहरण का समझा लेकिन सोनिया के परिजनों ने फोन पर बच्चे उनके पास होने की सूचना दी तब उन्हें असलियत पता चली।

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