जातीय गणना को लेकर कानून बनाने पर अभी बोलना उचित नहीं : नीतीश

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दरभंगा। बिहार में जारी जातीय गणना पर पटना उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक से इंकार कर दिया। इस बीच, शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय गणना को लेकर कानून बनाने पर अभी बोलना उचित नहीं है।
दरभंगा में पत्रकारों से बात करते हुए जातीय गणना के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद हम कोई कमेंट नहीं करते हैं, ये उचित नहीं होगा। कानून बनाने की बात पर अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने केंद्र सरकार से इसको लेकर मांग की थी और प्रधानमंत्री से मिले भी थे, लेकिन जब वे तैयार नहीं हुए और कहा गया कि आपलोग अपने यहां कीजिए हमलोगों ने यहां पर सभी पार्टियों की राय से यह काम शुरू करवाया।
जाति आधारित गणना से लोगों की आर्थिक स्थिति का भी पता चल जाएगा चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या समुदाय के हों, दलित-महादलित, बैकवर्ड, हिंदू-मुस्लिम कोई हों।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सबों की स्थिति को बेहतर करना है।
भाजपा के कानून बनाने संबंधी बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब जाति आधारित गणना की बात हुई थी, उस समय भाजपा साथ में थी, उसी समय उसने क्यों नहीं कहा था कि इसके लिए कानून बनाएं।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हुई है।
उन्होंने कहा कि मुझे शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है और फिर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी फोन कर समारोह को लिए आमंत्रित किया है। हमने जाने की सहमति दे दी है।
उन्होंने कहा कि सारे विरोधी दल जब एकजुट हो जाएंगे तो ये देश के हित में होगा। उसके लिए प्रयास चल रहा है।

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