डे नाईट न्यूज़ कैलिफोर्निया राज्य की सीनेट ने 34-1 वोट से एक विधेयक पारित किया, जो राज्य में जाति के आधार पर भेदभाव को अवैध बनाता है। यदि राज्य विधानसभा बिल पारित करती है और गवर्नर गेविन न्यूजोम इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं, तो कैलिफोर्निया यह कानून बनाने वाला पहला राज्य बन जाएगा। मार्च में सीनेटर आइशा वहाब द्वारा पेश किया गए बिल के मुताबिक कैलिफोर्निया में सभी लोग बिना किसी पूर्वाग्रह के पूर्ण और समान आवास, लाभ, सुविधाओं के हकदार हैं।
अप्रैल में कैलिफोर्निया सीनेट न्यायपालिका समिति द्वारा सर्वसम्मति से बिल पारित किए जाने के बाद सीनेट ने इसे पास किया है।
यह इस साल की शुरुआत में सिएटल सिटी काउंसिल ने भी जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया था। भारतीय-अमेरिकी क्षमा सावंत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सिएटल सिटी काउंसिल ने इसे मंजूरी दी थी।
कैलिफोर्निया स्टेट सीनेट के लिए चुने गए पहले अफगान अमेरिकी और मुस्लिम वहाब, 10वें जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा था कि अमेरिका में जाति आधारित पूर्वाग्रह मौजूद है और देश में बढ़ती विविधता को देखते हुए भेदभाव की समझ का विस्तार आवश्यक है।
बिल के समर्थकों में से एक, नागरिक अधिकार संगठन इक्वैलिटी लैब्स के अनुसार, कैलिफोर्निया में, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, निर्माण, रेस्तरां, घरेलू काम और चिकित्सा सहित उद्योगों में जातिगत भेदभाव होता है।
दलित एक्टिविस्ट और जाति इक्विटी संगठन इक्वेलिटी लैब्स के संस्थापक थेनमोझी साउंडराजन ने एक ट्वीट में लिखा, दुनिया भर के सभी दलित कैलिफोर्नियावासियों और जाति-उत्पीडि़त लोगों की ओर से, हम खुश हैं कि कैलिफोर्निया सीनेट ने बिल पारित कर दिया है।
सौंदरराजन ने कहा, यह दलित नारीवादी संगठन की जीत है, और हम अपने पूरे जाति-उत्पीडि़त समुदाय के लिए राज्य को सुरक्षित बनाने की शुरुआत कर रहे हैं। हम जानते हैं कि इस बिल के साथ हमारे आगे एक लंबी यात्रा है, लेकिन हमने इतिहास रचा है और इस ऐतिहासिक बिल पर कैलिफोर्निया विधानसभा के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं!