प्रदेश में साल में 9723 लोग नशे में वाहन चलाते पकड़े गए

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भोपाल,। शराब पीकर वाहन चलाने वालों को न तो पुलिस का डर है न ही अपनी जान की परवाह है। हाल यह है कि वर्ष 2022 में शराब पीकर वाहन चलाने के 9723 मामले पकड़े गए। पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों से लिए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। यह तो वे आंकड़े हैं जो पुलिस की जांच में सामने आए हैं। वास्तविकता में यह संख्या इससे दस गुना से ज्यादा भी हो सकती है। नशा कर वाहन चलाने वालों से बीते वर्ष में दो करोड़ 21 लाख रुपये अर्थदंड वसूला गया है। सड़क दुर्घटनाओं और इनमें मौतों की बड़ी वजह शराब के नशे में वाहनचलाना है। इसकी वजह से प्रतिवर्ष सड़क हादसों में तीन सौ से चार सौ लोगों की जान जाती है। अब एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो रही है। अहाते बंद हो रहे हैं। नशे में वाहन चलाने पर लाइसेंस समाप्त करने का प्राविधान किया गया है। इसमें नशा कर वाहन चलाने और दुर्घटनाओं में कमी आने के आसार हैं। अभी शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच पुलिस गंभीरता से नहीं करती है। केवल खास अवसरों पर ही जांच की जाती है। इसके अलावा जब बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट या नंबर प्लेट न होने पर वाहन को रोका जाता है तो बीच एनालाइजर से शराब की जांच भी की जाती है। पुलिस ट्रेनिंग एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआइ) के एडीजी जी. जर्नादन का कहना है कि नशे में वाहन चलाने वालों पर हर वर्ष चालाानी कार्रवाई बढ़ रही है। उन्हें समझाया भी जाता है।

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