भोपाल: 16 वर्षों तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले प्रदेश के इकलौते नेता

डे नाईट न्यूज़ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने चौथे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन तीन वषोगर््ं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अलग ही अंदाज में नजर आए। उन्होंने अपने तेवर आक्राम रखे। स्थिति यह रही कि विधानसभा में 96 सदस्यीय मजबूत विपक्ष के बावजूद कांग्रेस को बीते तीन वर्षों में अधिक स्पेस नहीं मिली। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव के सभी मोर्चों पर फतह हासिल की। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा का रिकॉर्ड 80 फीसदी से ज्यादा का रहा। केवल नगर निगम में मेयर पद पर उसे जरूर ण्टका लगा।

इसमें भी यदि संगठन के कर्णधार मुख्यमंत्री की अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की योजना को मान लेेते हैं तो कांग्रेस का एक भी मेयर नहीं बन पाता। एक लोकसभा और विधानसभा के 31 उपचुनाव में भी भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया इसमें खास तौर पर दलित और आदिवासी सुरक्षित सीटों पर भाजपा की जीत का रिकॉर्ड लगभग शत-प्रतिशत रहा। पार्टी ने सात में से छह उपचुनाव उन सीटों पर जीते हैं जो दलितों के लिए सुरक्षित हैं। ऐसी सीटों में से केवल इमरती देवी को ही हार का मुंह देखना पड़ा। इसी तरह आदिवासी सीटों पर भी भाजपा ने शत-प्रतिशत सफलता पाई इनमें नेपानगर और जोबट की आदिवासी सुरक्षित सीटें शामिल हैं।

पिछले तीन वर्षों के दौरान खंडवा लोकसभा का चुनाव भी हुआ जहां भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के राज नारायण सिंह को हराया। मुख्यमंत्री ने राजनीति के अलावा प्रशासनिक मोर्चे पर भी जमकर बल्लेबाजी की और शानदार प्रदर्शन किया। लापरवाह अधिकारियों को दंडित देने के मामले में बीते तीन वर्ष सबसे अधिक महत्वपूर्ण साबित हुए। इस दौरान माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर 23000 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया जिनमें सुराज आवास योजना के नाम पर गरीबों को मकान बनवाकर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की दो योजनाएं भी पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती हैं। इनमें लाड़ली लक्ष्मी योजना-दो और लाड़ली बहना योजना के अलावा पैसा एक्ट है।

लाड़ली बहना योजना के तहत ढाई लाख महिलाओं को एक हजार रुपए प्रति माह की राशि दी जा रही है। जबकि लाड़ली बहना योजना-दो के अंतर्गत 14 लाख  से अधिक खिलाडिय़ों को योजना का लाभ मिला है। पैसा एक्ट के तहत प्रदेश के 89 आदिवासी विकास खंडों को अधिकार सम्पन्न बनाया गया है। इस एक्ट का असर देखने को मिल रहा है। पिछले तीन वर्षों के दौरान कृषि विकास दर और जीडीपी के मामले में मध्यप्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश की विकास दर इस समय 16 फीसदी से अधिक है। कृषि किवास दर भी 19 फीसदी के लगभग है। पिछले तीन वर्षेां के दौरान राजनीति मोर्चा के अलावा मुख्यमंत्री के समक्ष कोरोना संक्रमण की सबसे बड़ी त्रासदी सामने थी।

मुख्यमंत्री ने अपनी जीवटता और कुशलता से प्रदेश को इस महामारी से बाहर निकाला। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जो मॉडल बनाया गया उसकी देश भर में प्रशंसा हुई। राजनीतिक मोर्चे पर मुख्यमंत्री को एक सफलता प्रादेशिक नेताओं के सात तालमेल के रूप में भी मिली। प्रदेश भाजपा के बड़के नेताओं में इस समय जितना अच्छा तालमेल है उतना पहले कभी नहीं रहा। प्रदेश स्तर पर असंतुष्ट गतिविधियां लगभग नहीं हैं। उमाश्री भारती, रघुनंदन शर्मा, अजय विश्नोई, गौरीशंकर शेजवार, जयंत मलैया, जय भान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा जैसे नाराज नेताओं को मुख्यमंत्री ने लगातार संवाद कर मनाने में सफलता प्राप्त की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कारण भाजपा का सामाजिक आधार बढ़ा है।

पहली बार प्रदेश सरकार का एक तिहाई बजट महिलाओं को समर्पित किया गया। महिलाओं के अलावा आदिवासियों, दलितों और युवाओं पर भी प्रदेश सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री का खास फोकस है। आज भी भोपाल में यूथ महापंचायत होने वाली है। जिसमें युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने एक लाख से अधिक सरकारी पद भरने के निर्देश भी दे रखे हैं। औद्योगिक निवेश के मामले में भी मध्य प्रदेश देश में तेजी से बढ़ते हुए राज्यों में शामिल हो गया है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से 15 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिन्हें अमलीजामा पहनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के जितने प्रवास करते हैं इसके पहले किसी मुख्यमंत्री ने शायद ही इतने दौर किए हों। इसलिए उन्हें एक तरह से जनता का मुख्यमंत्री कहा जा सकता है। सुशासन के मोर्चे पर भी मुख्यमंत्री को अव्वल रेटिंग मिली है।

शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के एकमात्र मुख्यमंत्री जो चार अलग-अलग कार्यकाल के दौरान 16 साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री हैं। उनकी गतिशीलता, परिश्रम करने की कूवत और संवेदनशीलता उन्हें प्रदेश की राजनीति में अलग मुकाम देती है।

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