इंदौर: सरकार से नहीं हटा कचरा तो 75 साल के भेरुलाल ने पकड़ा महाकाल का रास्ता

डे नाईट न्यूज़ माथे पर पगड़ी, आधी धोती और बंडी। 75 साल के भेेरुलाल गुर्जर बस यही पहने सड़क पर उलटे लेटते हैँ। हाथ से सड़क किनारे का एक पत्थर उठाते हैं सिर के पास रखते हैं फिर खड़े होते हैं, पैर रखते हैं और फिर उलटा लेटते हैं। राजगढ़ जिले के जीरापुर तहसील के जेथली गांव में रहने वाले भेरुलाल ऐसा किसी मन्नत को पूरा करने के िलए नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने घर के सामने पंचायत द्वारा लगाए गए कचरे के ढेर से परेशान हैं और पंचायत सचिव से लेकर कलेक्टर तक की गई तमाम शिकायतों के बाद भी सुनवाई न होने पर अब इस तरह उज्जैन महाकाल की शरण में जा रहे हैं ताकि उनको अर्जी लगा सके। उनका कहना है कि मुझे तो शिवराज नहीं शिव पर ही भरोसा है।

जून से लेकर सितम्बर 2022 तक भेरुलाल ने जो शिकायत की उसके अनुसार वे जैथली गांव में रहते हैं। उनका अपना निजी मकान है। जहां परिवार के साथ रहते हैं। उनके मकान के सामने अमरलाल पिता भागीरथ गुर्जर, भेरुलाल पिता किशनलाल मीणा, लालचंद पिता रामलाल गुर्जर ने अवैध रूप से गड्ढा (रोडी) खुदवाकर कचरा डालना शुरु कर दिया। कचरे की बदबू और गंदगी से परिवार का जीना मुश्किल हो गया। जब भेरुलाल ने इन लोगों से कचरा न डालने के लिए कहा तो उन्होंने दबंगाई दिखाते हुए लड़ाई-झगड़ा शुरु कर दिया। कहा कि अब बोला तो जिंदा नहीं बचेगा। तहसीलदार, एसडीएम (खिलचीपुर) से लेकर राजगढ़ कलेक्टर तक को शिकायत की सुनवाई नहीं हुई।

नेताओं ने भी साथ नहीं दिया। इसीलिए व्यवस्था से नाराज भेरुलाल ने उज्जैन के लिए दंडवत यात्रा शुरु कर दी। दो महीने हो चुके हैं। अब तक आगर जिले में पहुंचे हैं। सड़क पर भिखारी चूरी और तेज धूप ने पैरों के तले से लेकर पीठ तक छील दी है। तीन दिन से लगातार बरसात हो रही है। मौसम खराब है लेकिन भेरुलाल रुकने को तैयार नहीं। उनका कहना है कि कचरे के कारण जी नहीं सकतै। कचरा उठवाते हैं तो दबंग जीने नहीं देंगे। जब तक जान जानी है तो कचरे और किसी की दबंगाई से क्यों जाए? महाकाल के सामने ही जाए। जिस दौर में हम जैसे गरीबों की कोर्ठ सुनवाई नहीं होती, उस दौर में जन्म तो उनहीं उन्हीं की मंश से मिला है।

इंदौर से नलखेड़ा पहुंचे कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता जीतू दिवान भी भेरुलाल से मिले। उन्होंने उन्हें कांग्रेस के बड़ेे नेताओं से मिलाने की बात कही जो विधानसभा में उनकी बात रख दें लेकिन भेरुलाल ने मना कर दिया। उन्होंने कहा अब मेरी आवाज महाकाल ही उठाएंगै। मैं अब मेरी शिकायत उन्हीं के सामने रखूंगा।

Back to top button