इंदौर: इंदौर में हाउसिंग सोसाइटियों से लेकर गढ़ा परिवार तक बकायेदार

डे नाईट न्यूज़ नगर निगम ने पिदले दिनों जो 50 बकायादारेां की सूची जारी की है उसमें से तकरीबन दो दर्जन बिल्डर और डलवपर्स हैं जो बड़ी-बड़ी टाउनशिप और होटल बनाकर बैठे हैं। इन पर 43 करोड़ रुपए से ज्यादा का संपत्ति कर बकाया है। बकायादारों की फेहरिस्त में देशी दिवालिया सहारा सिटी होम्स से लेकर फेनी और बसंत विहार गृह निर्माण संस्था तक शामिल हैं। लेकिन नगर निगम का अदद संपत्ति कर चुकाकर ये लोग शहर के विकास में भागीदार नहीं बनना चाहते। निगम ने ऐसे 50 बकायादारों की सूची जारी की है जिन पर पांच लाख से अधिक का संपत्ति कर बकाया है।

इसमें एक दर्जन तो वही नाम हैं जो फरवरी में जारी हुई टॉप-20 डिफॉल्टर्स की सूची में थे। इनमें सबसे बड़ा नाम सहारा इंडिया का है जिस पर 21.49 करोड़ बकाया है। चूंकि मामला सुप्रीमकोर्ट में है इसीलिए नगर निगम कितनी ही बार सूची में कंपनी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी का नाम है। जिसने डेढ़ महीने में एक पाई नहीं चुकाई। नौ फरवरी की सूची में भी 35.52 लाख्चा रुपए बकाया थे, अब भी इतने ही। जबकि संस्था के सेर्वसर्वा महेंद्र पिता नाथूलाल जैन की भंवरसला और मगरखेड़ा में कॉलोनियां कट रही हैं।

इनके अलावा सूची में मेसर्स कल्याण लेाक निर्माण प्रालि (26.46 लाख), सार्थक विनायक रियल बिल्ट (26.76 लाख), एचआरजे इंटरनेशनल प्रालि तर्फे किशोर जायसवाल (प्राइड होटल) के मालिक (24.25 लाख), सुखदेव वाटिका (28.31 लाख), साकार रियलिटी (29.31 लाख), इंदौर एज्युकेशन एंड सर्विसेस सोसायटी (34.11 लाख), रुद्राक्ष इन्फ्रास्ट्रक्चर (41.26 लाख), सिद्धार्थ हार्टिकल्चर प्रालि अभिमन्यु पिता सुरेंद्र सिंह गढ़ा (41.66 लाख), माइल स्टोन टाउनशिप (41.78 लाख), हितांश रियल स्टेट (45.79 लाख), ओमलाल कंस्ट्रक्शन (61.76 लाख), त्रिमूर्ति डेवलपर्स (56.68 लाख) के नाम भी हैं। संतोष्ज्ञ देवकॉन पर फरवरी में भी 2.48 करोड़ बकाया था और अब भी। मतलब, इनसे भी वसूली के कई प्रयास हुए जबकि इसकी जमीन का कब्जा लेना बताया था।

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