
डे नाईट न्यूज़ मेयर का चुनाव अब गणतंत्र दिवस के बाद कराने की तैयारी है। उपराज्यपाल कार्यालय से निगम को कुछ इसी तरह के निर्देश अब तक मिले हैं। सदन की पिछली बैठक में हुए हंगामे को देखते हुए अब अगली बैठक के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने मौजूदा समय सदन की बैठक के लिए अतिरिक्त जवान उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है क्योंकि ज्यादातर जवानों को गणतंत्र दिवस के मद्देनजर स्पेशल ड्यूटी पर लगा दिया गया है। इससे अब साफ हो गया है कि दिल्ली को नया मेयर मिलने में अभी और वक्त लगेगा।
मेयर के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम की सदन की पहली बैठक छह जनवरी को आयोजित की गई थी। इसमें आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों के बीच नामित सदस्यों को शपथ ग्रहण करने को लेकर हुए हंगामे के बाद लात घूंसे तक चल गए थे। नवनिर्वाचित पार्षदों की इस तकरार में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा और कई पार्षदों को गंभीर चोट भी आई।
आम आदमी पार्टी के पार्षद विरोध करते समय पीठासीन अधिकारी की टेबल पर चढ़ गए। उनका माइक उखाड़कर फेंक दिया था। सदन में राजनीतिक कारणों से पैदा हुए इन हालात को देखते हुए इस बार की सदन की बैठक भारी संख्या में सुरक्षा बलों के घेरे में कराने की तैयारी है।
पीठासीन अधिकारी की मांग पर एलजी गंभीर
सदन की पिछली बैठक की पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने उपराज्यपाल कार्यालय को भेजे पत्र में अगली बैठक के लिए अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की थी। उन्होंने सदन में हुई मारपीट और तोड़फोड़ के पूरे घटनाक्रम से उपराज्यपाल को अवगत कराया था, साथ ही इसका एक वीडियो फुटेज भी राज्यपाल को उपलब्ध कराया था। बताया जा रहा है कि पीठासीन अधिकारी की इस मांग पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गंभीरता से संज्ञान लिया है।
एलजी को ही लेना है सदन की बैठक पर निर्णय
मेयर चुनाव से संबंधित निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ से सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि 27-30 जनवरी के बीच सदन की बैठक आयोजित हो। लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना को ही सदन की बैठक पर आखिरी निर्णय लेना है।