
डे नाईट न्यूज़ दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे केवल सफर ही सुगम नहीं करेगा बल्कि आपात स्थिति में इस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकेंगे। सपनों की इस सड़क को रोड रनवे के रूप में विकसित किया जा रहा है। सोहना के अलीपुर से मुंबई के बीच इस पर करीब 55 स्थानों पर ऐसे हिस्से विकसित किए जा रहे हैं, जहां फाइटर प्लेन को आसानी से उतारा जा सके।
अलीपुर से दौसा तक करीब 296 किलोमीटर के हिस्से में ही करीब 10 ऐसे हिस्से हैं, जहां फाइटर प्लेन आसानी से उतारे जा सकते हैं। अलीपुर से दौसा तक का हिस्सा शुरू होने से पहले रोड रनवे के रूप में इसका ट्रायल लिया जा सकता है। इसका यह हिस्सा एकदम तैयार है। इसे जनवरी के पहले सप्ताह में खोलने तैयारी की जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपनी ओर से सभी तैयारियां कर ली है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को अपनी तैयारियों से अवगत भी करा दिया है। अब केवल वहां से अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराया जाना है। स्थानीय सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के आग्रह पर नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री से लोकार्पण के लिए समय देने का अनुरोध किया, लेकिन अभी प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें समय के लिए सूचित नहीं किया गया।
दो दिन पहले प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल ने भी प्रधानमंत्री से जंगल सफारी का शिलान्यास कराने के लिए समय का अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे का लोकार्पण और जंगल सफारी का शिलान्यास एक ही दिन हो सकता है। प्रधानमंत्री सोहना के अलीपुर के आसपास दोनों परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर सकते हैं। उनके आगमन को देखते हुए एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने मातहतों को तैयार रहने को कह दिया है।
इतिहास बताता है कि पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए युद्ध के दौरान दुश्मन सेना के फाइटर प्लेन आगरा के नजदीक तक पहुंच गए थे। उन्हें भारतीय वायु सेना ने अपने अदम्य साहस से खदेड़ दिया था, लेकिन उस समय ऐसा कोई जरिया नहीं था कि उनके फाइटर प्लेन को अपने फाइटर प्लेन से यहीं नेस्तानाबूद किया जा सके। हालांकि आज वैसे हालात बनने के आसार नहीं हैं। उसके बाद यह महसूस किया गया कि आगरा, ग्वालियर एयरबेस और गुरुग्राम-दिल्ली के नजदीक कहीं भी फाइटर प्लेन उतारने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए ही अब बड़े हाईवे को ऐसा रूप दिया जा रहा है।
रोड रनवे की जरूरत
फाइटर प्लेन के रनवे की एकदम समतल और सीधी लंबाई कम से कम तीन किलोमीटर और चौड़ाई 20 मीटर होनी चाहिए। यह हिस्सा कहीं भी धंसा न हो और न ही कहीं ढलान हो। प्लेन को गाइड करने के लिए पोर्टेबल लाइटिंग सिस्टम लगाए जा सकें। एक्सप्रेस-वे के दोनों भाग लगभग 20-20 मीटर चौड़े हैं। कई स्थानों पर आठ से 10 किलोमीटर की सीधी लंबाई के कई पैकेज हैं। अलीपुर से दौसा के बीच ही 10 से अधिक तीन किलोमीटर से अधिक लंबाई के पैकेज हैं। मुंबई तक ऐसे करीब 55 स्थान हैं। इसकी चौड़ाई बढ़ाई भी जा सकेगी। इसके बीचों-बीच 21 मीटर चौड़ा डिवाइडर बनाया जा रहा है। आने वाले समय में इस एक्सप्रेस-वे को 12 लेन तक किया जा सकता है। फिलहाल इस पर आठ लेन बनाई गई हैं।
भारत में रोड रनवे को कुछ साल पहले ही गंभीरता से लिया गया है और इस पर काम शुरू हुआ है। अमेरिका, जर्मनी, चीन, पाकिस्तान, ताइवान, स्वीडन, पोलैंड, साउथ कोरिया, सिंगापुर में पहले से रोड रनवे हैं। भारत में कुछ साल पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मिराज जैसा फाइटर एयरक्राफ्ट उतारा गया। दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे को रोड रनवे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। देश के सबसे बड़े रोड नेटवर्क पर इसकी आवश्यकता भी थी। – राव इंद्रजीत सिंह, स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री