डे नाईट न्यूज़ पेरू में राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को पद से हटाए जाने के बाद राजनीतिक संकट की स्थिति पैदा हो गई। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच देश में आम चुनाव कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान हुई हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।
गुरुवार को खबर आई थी कि एक बार फिर नाटकीय घटनाक्रम के तहत राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को पद से हटा दिया गया था। उन्हें महाभियोग परीक्षण के बाद पद से हटाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद, दक्षिणी पेरू के अंदाहुयालस शहर में उनके समर्थकों ने इसे लेकर विरोध किया था।
शुक्रवार से शुरू हुआ ये विवाद शनिवार को हिंसक हो उठा। शनिवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल हो गए। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिस अधिकारियों को बंधक भी बना रखा है।
हिसंक विरोध प्रदर्शनों को लेकर लोकपाल कार्यालय ने बताया कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि लोकपाल कार्यालय ने हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। साथ ही लोकपाल कार्यालय ने लोगों से विरोध के दौरान हिंसक साधनों का सहारा नहीं लेने की अपील भी की है।
इसके साथ ही लोकपाल कार्यालय ने पुलिस से भी कहा कि कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए कोई भी कार्रवाई कानून के ढांचे के भीतर की जानी चाहिए। वहीं, पेरू की पुलिस ने जानकारी दी कि प्रदर्शनकारियों ने बंदी बनाए गए दो पुलिस अधिकारियों को रिहा कर दिया है वर्तमान में उनकी मेडिकल जांच की जा रही है। वहीं, पेरु के गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, शनिवार को लोगों द्वारा किए गए प्रोटेस्ट का कोई भी कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
आपातकाल की घोषणा पर खड़ा हुआ विवाद
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब पेड्रो ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि वह देश में आपातकाल लगाने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह विपक्षी दलों के वर्चस्व वाली कांग्रेस को भंग कर देंगे। इस घोषणा से हर कोई हैरान था और कई मंत्रियों ने इस्तीफे भी दे दिए। इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही विपक्ष ने आपात बैठक बुलाई और उनके खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला किया।
जांच में बाधा डालने का आरोप
पेरू कई वर्षों तक राजनीतिक उथल-पुथल से गुजरा है, जिसमें कई नेताओं पर भ्रष्टाचार, बार-बार महाभियोग के प्रयास और राष्ट्रपति पद के कार्यकाल में कटौती देखी गई है। यह नई कानूनी लड़ाई अक्तूबर में शुरू हुई, जब अभियोजक के कार्यालय ने कैस्टिलो के खिलाफ एक सांविधानिक शिकायत दायर की। उन पर आरोप था कि वह एक आपराधिक संगठन से पाए लाभ के लिए जांच में बाधा डाल रहे हैं।
बुधवार को पेरू की संसद ने राष्ट्रपति बोलुआर्टे को सत्ता से बेदखल करने के लिए महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान किया था। 130 सदस्यीय संसद में प्रस्ताव के पक्ष में 101 वोट पड़े, जबकि राष्ट्रपति के समर्थन में मात्र छह। 10 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। सीएनएन के अनुसार पेरू की संवैधानिक अदालत के प्रमुख फ्रांसिस्को मोरालेस ने संसद में महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान से पहले एक भाषण में उपराष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने का आदेश दिया। इसके बाद बोलुआर्टे ने कैस्टिलो की संसद भंग करने की योजना को खारिज कर दिया।
संसद भंग करने के पेड्रो के फैसले की आलोचना
सीएनएन की खबर के अनुसार राष्ट्रपति बोलुआर्टे ने अपने पहले ही भाषण में संसद भंग करने के पेड्रो के फैसले की आलोचना की। बोलुआर्टे ने सांसदों से देश में एक ‘यूनिटी गवर्नमेंट (एकता सरकार) बनाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति डीना ने सभी दलों से राजनीतिक संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए कि वह एकता सरकार के लिए व्यापक बातचीत करेंगी।
अमेरिका संसद भंग करने के खिलाफ था
अमेरिका ने भी पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के संसद भंग करने के फैसले का विरोध किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि हम पेरू में संविधान के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का विरोध करते हैं। ऐसा कोई भी कार्य जो पेरू में लोकतंत्र को कमजोर करेगा, हम उसके खिलाफ हैं।