
डे नाईट न्यूज़ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में 0.25-0.35 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है। एमपीसी की बैठक सोमवार को शुरु हुई है।
हाल के दिनों में मुद्रास्फीति में नरमी और आर्थिक वृद्धि में कमी के संकेत दिखने लगे हैं, जिसके चलते उम्मीद है कि इस बार ब्याज दरों में सामान्य बढ़ोतरी होगी। मुद्रास्फीति जनवरी से ही आरबीआई के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर के ऊपर बनी हुई है।
केंद्रीय बैंक ने मई में अचानक रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद तीन बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.50-0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है। इस समय रेपो दर 5.9 फीसदी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के समापन पर बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा, हमें उम्मीद है कि आरबीआई दिसंबर नीति में दरों में कम बढ़ोतरी करेगा। ऐसा लगता है कि रेपो दर में 0.35 फीसद तक बढ़ोतरी होगी। हमारा मानना हैकि 6.25 फीसदी पर रेपो दर स्थिर हो जाएगी। इस रिपोर्ट को एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने लिखा है।
फेडरल रिजर्व का अनुसरण कर सकती है एमपीसी
कई अन्य विशेषज्ञों ने भी दरों में 0.25-0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना जताई है। एमपीसी घरेलू कारकों के अलावा अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण कर सकती है जिसने इस महीने के अंत में दरों में कुछ कम वृद्धि करने के संकेत दिए हैं।