
डे नाईट न्यूज़ रूस के लगातार जारी हमलों के कारण यूक्रेन में बिजली संकट ने भीषण रूप ग्रहण कर लिया है। पिछले हफ्ते रूस के मिसाइल हमलों के बाद लगभग पूरे यूक्रेन में 48 घंटों तक बिजली नहीं रही। बढ़ती ठंड के बीच इस संकट ने लोगों को बड़ी मुसीबत में डाल दिया है। इसे देखते हुए अब यूक्रेन ने यूरोपीय देशों से गुहार लगाई है कि वे प्राथमिकता के आधार पर उसके बिजली ग्रिड को बहाल करने में मदद दें।
रूस ने हाल में अपने हमलों में मुख्य रूस से बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है। इसे देखते हुए अब अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संगठन- एनर्जी कम्युनिटी ने सलाह दी है कि यूक्रेन को बिजली ग्रिड को विकेंद्रित कर देना चाहिए। इस क्रम में उसे बिजली सब-स्टेशन बनाने चाहिए। इन छोटे स्टेशनों पर हमला करना रूस के लिए कठिन होगा।
पश्चिमी सहायक देशों ने कहा है कि उन्होंने बिजली उपकरणों की 37 खेप यूक्रेन के लिए रवाना की है। लेकिन उससे पूरे देश में बिजली बहाल करने में मदद मिलेगी, यह साफ नहीं है। इसीलिए यूक्रेन ने बिजली संबंधी को मदद को और प्राथमिकता देने की अपील यूरोपीय देशों से की है। ये अपील रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाजेशन) के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक में की गई। 30 देशों के इस संगठन की बुखारेस्ट बैठक में यूक्रेन को ईंधन, जेनरेटर, मेडिकल सहायता और ठंड से बचाव की सामग्रियां देने पर विचार हुआ।
एनर्जी कम्युनिटी के निदेशक आर्टर लॉर्कोवस्की ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियन से कहा- ‘यूक्रेन में स्थिति बेहद गंभीर है। यूक्रेन के पास कुछ उपकरण हैं, जिन्हें उसने युद्ध शुरू होने के पहले इकट्ठा किया था। लेकिन ये उपकरण बिजली ग्रिड की मरम्मत के लिहाज से काफी नहीं हैं।’ लॉर्कोवस्की ने कहा कि यूक्रेन को अभी सबसे ज्यादा जरूरत ऐसे ट्रांसफॉर्मर्स की है, जिनका सब-स्टेशनों में इस्तेमाल हो सके।
बीते अक्टूबर में रूसी हमलों के कारण यूक्रेन के बिजली ग्रिड को दो भाग में बांटना पड़ा था। उसके बाद से रूस ने दोनों ग्रिड को निशाना बनाया है। रूस के मुताबिक उसका मकसद यूक्रेन में बिजली की सप्लाई ठप कर देना है, ताकि वह बिना कठोर शर्त लगाए उसके साथ बातचीत करने के लिए राजी हो सके।
यूक्रेन के नेशनल ग्रिड यूक्रेनेर्गो के मुताबिक इस मंगलवार को देश में बिजली की 30 फीसदी कमी रही। जबकि इस समय कीव में तापमान शून्य से माइनस पांच डिग्री के बीच चल रहा है। आने वाले कुछ दिनों में यहां तापमान माइनस 10 से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। आशंका है कि उस समय पर्याप्त बिजली ना मिलने पर बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है।
यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि उनके देश को जेनरेटरों की तुरंत आवश्यकता है। यूक्रेन में पैदा हुई गंभीर स्थिति का जिक्र करते हुए नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बुखारेख बैठक में कहा- ‘रूस अत्यंत बर्बरता का परिचय दे रहा है। वह यूक्रेन को इन सर्दियों में ठंड और अंधकार में धकेल देना चाहता है। इसलिए हमें यूक्रेन की मदद अवश्य करनी चाहिए, ताकि वह अपनी संप्रभुता बचाए रखने में सफल हो।’