गोधरा में इमरान प्रतापगढ़ी की सभा में बवाल, ओवैसी पर टिप्पणी करते ही भिड़े समर्थक

डे नाईट न्यूज़ गुजरात के संवेदनशील चुनाव क्षेत्र गोधरा में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की सभा में बुधवार को जमकर बवाल हो गया। सभा में जैसे ही इमरान ने असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के बारे में टिप्पणी की बवाल शुरू हो गया। कांग्रेस व ओवैसी समर्थक भिड़ गए। इमरान को नेताओं ने बमुश्किल वहां से सुरक्षित निकाला।

गोधरा गुजरात की हॉट सीट है। यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर हैं। इस सीट पर ओवैसी की पार्टी और कांग्रेस में मुख्य मुकाबला है। सभा में इमरान प्रतापगढ़ी ने जैसे ही एआईएमआईएम का जिक्र किया, हंगामा शुरू हो गया। हालात ऐसे बने कि इमरान को सभा छोड़ना पड़ी। कांग्रेस व ओवैसी समर्थकों में जमकर मारपीट भी हुई। 

इमरान प्रतापगढ़ी की गोधरा में कल हुई सभा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद ने जैसे ही ओवैसी पर निशाना साधा, वहां हंगामा मच गया। ओवैसी के समर्थकों ने इमरान को घेर लिया। दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच मारपीट चालू हो गई। हालात को अन्य नेताओं व पुलिस ने संभाला और सांसद प्रतापगढ़ी को वहां से अन्यत्र ले जाया गया। 

बता दें, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रतापगढ़ी यूपी के हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र से उच्च सदन में भेजा है। वे कांग्रेस के बड़े मुस्लिम नेता बनकर उभरे हैं। वे उर्दू और हिंदी के कवि हैं।  2019 के आम चुनाव में वे यूपी की मुरादाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा भेजा है।

भाजपा ने गोधरा सीट से मौजूदा विधायक सी.के. राउलजी को फिर टिकट दिया है। उनका कांग्रेस की स्मिताबेन चौहान और आप के राजेश पटेल तथा एआईएमआईएम के मुफ्ती हसर कचाबा से मुकाबला है। इसलिए इस बार यहां चतुष्कोणीय मुकाबला है। हालांकि, यहां मुस्लिम मतों का अन्य तीनों विपक्षी दलों में विभाजन हुआ तो राउलजी की जीत तय है। 

भाजपा विधायक राउलजी हाल ही बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषियों की रिहाई का समर्थन किया था। एक साक्षात्कार में उन्होंने कह दिया था कि बिलकिस कांड में रिहा होने वाले सभी लोग ब्राह्मण जाति हैं और ये संस्कारी होते हैं। अधिकारियों ने दोषियों के आचरण को संतोषजनक पाया। दरअसल, राउलजी गुजरात सरकार की ओर से बनाई गई जांच समिति का हिस्सा थे, जिसने इस केस के दोषियों की रिहाई की अनुशंसा की थी। 

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