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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते सिर्फ पंजाब में ही चार कोविड-19 मरीजों की मौत हुई थी.
संसद के शीतकालीन सत्र का आज पांचवां दिन है। लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि राज्य सरकारों को पत्र लिखकर इस पर जवाब मांगा था, जिसमें 19 राज्यों ने अपना डेटा भेज दिया है। केवल पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के कारण चार संदिग्ध मौतों की जानकारी दी है। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया लोकसभा में ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों के सवाल पर जवाब दे रहे थे। संसद में कोरोना को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन लोकसभा में कोरोना और ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठा। ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की जान जाने वाले सवालों पर मंडाविया ने कहा कि पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत होने की सूचना दी है, बाकी राज्यों से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।
कांग्रेस लंबे समय से कोविड-19 के कारण मरने वालों का सही और ठोस आंकड़ा बताने के लिए सरकार पर दबाव डाल रही है. विपक्षी दलों का आरोप रहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी ज्यादा मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुईं और वह इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. कांग्रेस ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले भी कहा था कि वह इस महामारी के कारण मरने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपये मुआवजा दिलाने के लिए प्रयास करेगी.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद (Parliament) में बताया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते सिर्फ पंजाब में ही चार कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है. केंद्रीय स्वसाथ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि उन्होंने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर इस संबंध में जानकारी मांगी थी. डॉ. मंडाविया ने बताया कि सिर्फ पंजाब सरकार ने जानकारी दी की संदिग्ध तौर पर ऑक्सीजन की कमी के चलते सिर्फ चार लोगों की मौत हुई है. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमण तेजी से फैला तो कई लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ी और उनमें ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगा था. ऐसे में देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन की कमी की खबरें आने लगीं और कहा जाने लगा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग मर रहे हैं. अब Omicron के चलते एक बार फिर lockdwon का खतरा है और दक्षिण अफ्रीका से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक यह भारत में दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant of Corona) से ज्यादा संक्रामक है।